रविशंकर प्रसाद का बड़ा ऐलान- मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में चीन को पीछे छोड़ने का प्लान तैयार
नई दिल्ली। भारत ने मोबाइल निर्माण में चीन को पीछे छोड़ने का प्लान बना लिया है। दूरसंचार और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को कहा है कि भारत ने PLI (प्रोडक्शन बेस्ड इंटेंसिव) योजना के जरिए ग्लोबल कंपनियों को आकर्षित करने के साथ ही मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में चीन को पीछे छोड़ने का लक्ष्य तय किया है। उन्होंने कहा कि सरकार दूसरे क्षेत्रों में पीएलआई योजना के विस्तार से भारत को इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स का मैन्युफैक्चरिंग केंद्र बनाना चाहती है।
वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए फिक्की के 93वें वार्षिक आम सभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'साल 2014 में जब हम सत्ता में आए थे तो भारत में मोबाइल निर्माण की केवल दो फैक्टरियां थीं। अब देश में 260 से ज्यादा मोबाइल निर्माण फैक्टरियां हैं। अब भारत मोबाइल फोन का निर्माण करने वाला दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है।' उन्होंने कहा कि अब भारत के अगले लक्ष्य के बारे में बता रहा हूं। भारत का अगला लक्ष्य मोबाइल निर्माण में चीन को पीछे छोड़ना है। इसे मैं बहुत स्पष्ट शब्दों में कह रहा हूं।' 'लिवरेजिंग आईसीटी फॉर इकॉनामिक रिवाइवल इन पोस्ट कोविड-19' शीर्षक से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कानून मंत्री ने कहा कि 'पिछले साढ़े पांच वर्षों में सैकड़ों सरकारी योजनाओं के जरिए करीब 13,00,000 करोड़ रुपए गरीबों के खातों में ट्रांसफर किए गए हैं।'
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प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारत को वैकल्पिक विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए पीएलआई योजना को लाया गया है। उन्होंने कहा कि पीएलआई का मकसद विश्वस्तरीय कंपनियों को भारत में लाना और भारतीय कंपनियों को विश्वस्तरीय बनाना है। सरकार द्वारा शुरू की गई पीएलआई योजना के तहत पात्र कंपनियों को 48,000 करोड़ रुपये तक का प्रोत्साहन मिल सकता है।