कोरोना काल में भी निजीकरण जारी रखने के लिए IMF ने की भारत सरकार की तारीफ, कही ये बात
वाशिंगटन, 16 अक्टूबर: कोरोना वायरस महामारी से निपटने के भारत सरकार के तौर तरीकों की अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने तारीफ की है। आईएमएफ ने कोविड पर भारत सरकार की प्रतिक्रिया को 'तेज और पर्याप्त' बताते हुए कहा है कि सरकार ने महामारी के बावजूद श्रम सुधार और निजीकरण जारी रखा है। आईएमएफ ने सदस्यों ने अपनी एक रिपोर्ट में ये कहा है।
आईएमएफ की रिपोर्ट में कोरोना के दौरान श्रम सुधार और निजीकरण के लिए तारीफ की गई है। जिसमें वित्तीय सहायता से लेकर मौद्रिक नीति में ढील जैसे फैसले शामिल हैं। वहीं ये भी कहा गया है कि अर्थतंत्र पर महामारी की वजह से अनिश्चितताओं का बादल बना हुआ है। जो कि कोविड की वजह से निवेश और अन्य विकास वाली योजनाओं में लंबा दिख सकता है।
भारत को हरित निवेश पर ध्यान देने की भी सलाह
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने एक अन्य बयान में ये भी कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था कोविड महामारी से अब उबर रही है। ऐसे में देश के लिए सार्वजनिक निवेश पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है, खासकर हरित क्षेत्रों में निवेश होना चाहिए। आईएमएफ के वित्तीय मामलों के विभाग के उप निदेशक पाओलो मौरो ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, पुनरुद्धार की ओर बढ़ने के साथ ही सार्वजनिक निवेश पर ध्यान केंद्रित करना भी महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से हरित निवेश पर, ताकि सुधार समावेशी और पर्यावरण के अनुकूल हो सके। भारत का कर्ज लगभग 90 प्रतिशत के अनुपात (जीडीपी के मुकाबले) में है, और निवेशकों को यह संकेत देना महत्वपूर्ण है कि मध्यम अवधि में ऋण अनुपात में गिरावट आएगी।
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