भीमा कोरेगांव से जुड़ी गिरफ्तारियों पर SC की टिप्पणी- विरोध लोकतंत्र का सेफ्टी वॉल्व...नहीं तो फट जाएगा प्रेशर कुकर
नई दिल्ली। महराष्ट्र के भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में वामपंथी विचारकों को रिमांड पर लेने की पुलिस अर्जी खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कई कड़ी टिप्पणियां भी कीं। देश की शीर्ष अदालत ने कहा, 'विरोध लोकतंत्र का सेफ्टी वॉल्व है, यदि सेफ्टी वॉल्व को काम करने से रोका जाएगा तो प्रेशर कुकर फट जाएगा।'
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय बेंच ने महाराष्ट्र सरकार से गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका का जवाब दाखिल करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 6 सितंबर को करेगा। तब तक गौतम नवलखा, वरवरा राव, सुधा भारद्वाज, अरुण फरेरा और वरनोन गोंजालविस को घर में ही नजरबंद रखने का आदेश दिया गया है।
भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में की गईं गिरफ्तारियों के खिलाफ इतिहासकार रोमिला थापर, देवकी जैन, अर्थशास्त्री प्रभात पटनायक, सतीश देशपांडे ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिकाकर्ताओं की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी, दुष्यंत दवे, राजू रामचंद्रन, प्रशांत भूषण और वृंदा ग्रोवर ने पक्ष रखा, जबकि महाराष्ट्र सरकार का पक्ष एडिशनल सॉलिसिटर जनलर तुषार मेहता ने रखा।
अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि गिरफ्तार किए गए लोगों में सुधा भारद्वाज भी हैं, जिन्होंने अमेरिकी नागरिकता छोड़ते हुए भारत में वकालत के पेशे को चुना। वह दिल्ली की नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में पढ़ाती भी हैं। दरअसल, यहां मामला सरकार से असहमति का है।
2018 की शुरुआत में भीमा कोरेगांव में हिसा हुई थी। भीमा कोरेगांव हिंसा की जांच के दौरान पुणे पुलिस ने इसी साल जून में पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। इन पर प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) से संबंध रखने का आरोप है। जून में सुधीर धवले, वकील सुरेंद्र गाडलिंग, कार्यकर्ता महेश राउत, शोमा सेन और रोना विल्सन को गिरफ्तार किया गया था। इनके पास से एक चिट्ठी बरामद हुई थी, जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी की राजीव गांधी की तरह हत्या की बात लिखी थी