आपके बच्चों को भी बचाएगा कोविड अनुरूप व्यवहार: डॉ. एन. के. अरोड़ा
नई दिल्ली, जून 01: कोविड की दूसरी लहर में देशभर में हर उम्र के हजारों बच्चे कोविड पॉजिटिव देखे गए हैं, जिसकी वजह से अभिभावक डरे हुए हैं। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों में कोविड के हल्के लक्षण देखे जाते हैं, बावजूद इसके उन्हें संक्रमण से बचाना जरूरी है। पीडियाट्रिक गैस्ट्रो इंटेलॉजिस्ट और आईसीएमआर की टास्क फोर्स कमेटी नेगवैक (नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन फॉर कोविड19) बता रहे हैं कि बच्चों को कोविड संक्रमण हो जाएं तो उसके लक्षण और इलाज कैसे किया जाना चाहिए? इस बावत डॉ. एन. के. अरोड़ा से हुई बातचीत के प्रमुख अंश
प्रश्न- हाल ही में कई राज्यों से बड़ी संख्या में बच्चों में कोरोना संक्रमण के मामले देखे गए, आपको क्या लगता है दूसरी लहर में बच्चे अधिक संक्रमित हो रहे हैं?
उत्तर- बच्चे भी बड़े की तरह की कोविड संक्रमण के लिए अधिक संवेदनशील होते हैं, हमारे नवीनतम सीरो सर्वेक्षण में भी यह पाया गया कि 25 प्रतिशत बच्चे कोविड19 से प्रभावित पाए गए, यहां तक की दस साल से कम उम्र के बच्चों में भी अन्य उम्र के लोगों की तरह ही कोविड संक्रमण देखा गया। बीमारी के संदर्भ में राष्ट्रीय आंकड़े बताते हैं कि कोविड की पहली लहर में तीन से चार प्रतिशत बच्चे कोविड संक्रमित हुए, जबकि दूसरी लहर में भी बच्चों के संक्रमित होने की दर लगभर पहले जैसी ही है। हालांकि दूसरी लहर में बच्चों के संक्रमित होने के कुल मामलों में बढ़ोतरी देखी गई, पहले के अपेक्षा इस बार बच्चों में कोरोना का संक्रमण अधिक देखा गया है।
प्रश्न- क्या इस बार बच्चों में कोविड का संक्रमण अधिक गंभीर रूप से देखा जा रहा है?
उत्तर- कोविड संक्रमण होने के बाद अधिकतर बच्चों में संक्रमण के या तो हल्के लक्षण देखे जाते हैं या फिर वह ए सिम्पमेटिक होते हैं। यदि किसी एक परिवार में एक या इससे अधिक सदस्य कोविड पॉजिटिव पाए जाते हैं, तो बच्चों के भी कोविड संक्रमित होने की संभावना बढ़ जाती है। अच्छी बात यह है कि इस तरह के मामलों में संक्रमित बच्चों की उम्र दस साल की उम्र से कम देखी गई और उनमें कोविड के बहुत हल्के या ए सिम्पमेटिक लक्षण जैसे साधारण जुखाम और डायरिया पाया गया। दिल की गंभीर बीमारी, डायबिटिज, अस्थमा और ऐसे बच्चे जो कैंसर या इम्यून सप्रेसेंट बीमारी से ग्रसित हैं उनके संक्रमण की गंभीर स्थिति होने का खतरा अधिक देखा गया। कोविड संक्रमण के जोखिम वाले बच्चों का माता पिता को अधिक ध्यान देना चाहिए, क्योंकि बड़ी संख्या में संक्रमण बड़ों को अपनी चपेट में ले रहा है, इसलिए कोरोना संक्रमण से प्रभावित होने वाले बच्चों की संख्या में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई।
प्रश्न- कोविड संक्रमित बच्चों का इलाज बड़ो के इलाज से किस तरह अलग है? ए सिम्पमेटिक बच्चों के लिए हम किसी भी तरह की दवा नहीं लेने की सलाह देते हैं।
उत्तर-
हल्के
लक्षण
वाले
बच्चों
को
बुखार
को
नियंत्रित
करने
के
लिए
पैरासीटामोल
दी
जा
सकती
है।
इसी
तरह
डायरिया
में
ओरल
डिहाइड्रेशन
फूड
और
पर्याप्त
मात्रा
में
लिक्विड
दिया
जा
सकता
है।
हल्के
से
गंभीर
लक्षण
वाले
कोविड
संक्रमित
बच्चों
में
कोरोना
इलाज
बड़ो
की
तरह
ही
किया
जाता
है।
यदि
बच्चों
को
सांस
लेने
में
दिक्कत,
गंभीर
खांसी
जिसकी
वजह
से
बच्चा
दूध
नहीं
पी
पा
रहा
हो,
हाइपोक्सिया
या
फिर
तेज
बुखार,
त्वचा
पर
लाल
चकत्ते,
अधिक
देर
तक
सोना
या
फिर
अन्य
कोई
असामान्य
लक्षण
दिखाई
देने
पर
तुरंत
किसी
चिकित्सक
से
संपर्क
करें।
बच्चों
में
भी
लांग
कोविड
के
मामले
देखे
जाते
हैं,
जिसमें
संक्रमण
से
ठीक
होने
के
तीन
से
छह
महीने
बाद
डायबिटीज
और
हाइपरटेंशन
जैसी
नई
बीमारी
देखी
जाती
है।
माता
पिता
को
गंभीर
कोविड
संक्रमण
से
ठीक
हुए
बच्चों
का
इलाज
करने
वाले
चिकित्सक
से
लगातार
संपर्क
में
रहना
चाहिए।
प्रश्न- यदि माता पिता को कोविड का संक्रमण नहीं है, लेकिन बच्चे को संक्रमण हो गया है ऐसी स्थिति बच्चों की देखभाल किस तरह की जानी चाहिए? देखभाल करने वालों को किस तरह की सावधानी बरतनी चाहिए, जिससे वह खुद कोविड संक्रमित न हों?
उत्तर- ऐसा उस स्थिति में ही संभव है जबकि बच्चों को संक्रमण परिवार के अंदर से नहीं बल्कि कहीं बाहर से मिला हो। सबसे पहले परिवार के सभी सदस्यों को कोविड जांच करानी चाहिए। देखभाल करने वाले सदस्य को देखभाल के समय बचाव के सभी उपाय अपनाने चाहिए, दो मास्क, फेस शील्ड, ग्लब्स आदि का प्रयोग करना चाहिए। कोविड संक्रमित बच्चों की देखभाल एक चिकित्सक की सलाह के बाद बताई गई गाइडलाइन के अनुसार ही की जानी चाहिए। देखभाल करने वाले सदस्य और कोविड संक्रमित बच्चे को परिवार के अन्य सदस्यों से खुद को आइसोलेट कर लेना चाहिए।
प्रश्न- कोविड संक्रमण के ऐसे भी मामले देखे गए हैं जिसमें नवजात शिशु की मां को भी संक्रमण देखा गया, ऐसी स्थिति में नवजात शिशु को संक्रमण से किस तरह सुरक्षित रखा जा सकता है?
उत्तर- ऐसी स्थिति में घर के ऐसे सदस्य को बच्चे की देखभाल करनी चाहिए जो कोरोना पॉजिटिव नहीं है। हालांकि स्तनपान कराने वाली महिला को नवजात को स्तनपान अवश्य कराना चाहिए। यदि बच्चे की देखभाल करने के लिए अन्य कोई सदस्य उपलब्ध नहीं है तब भी मां डबल मास्क पहन कर नवजात को स्तनपान कराना चाहिए। स्तनपान के बाद अच्छी तरह अपने हाथ धोएं और आसपाास की जगह को सैनेटाइज करें, मां का दूध नवजात के बढ़ने और विकास के लिए बहुत जरूरी होता है। कोरोना संक्रमित मां के दूध में भी कोरोना वायरस के प्रति एंटीबॉडिज पाई जाती हैं।
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प्रश्न- बच्चों को कोविड19 संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए बड़ों को कोविड अनुरूप व्यवहार का सही तरीके से पालन करना चाहिए, हम बच्चों को कोविड से कैसे सुरक्षित रख सकते हैं?
उत्तर- बड़े बच्चे कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन कर खुद को कोविड संक्रमण से सुरक्षित रख सकते हैं। हम दो साल से कम उम्र के बच्चों को मास्क लगाने की सलाह नहीं देते हैं, इसलिए उन्हें घर के अंदर ही रहने की सलाह दी जाती है। लेकिन घर के अंदर रहते हुए भी उन्हें अन्य शारीरिक गतिविधि में व्यस्त रखना जरूरी है, क्योंकि बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए शुरू के पांच साल बेहद अहम होते हैं। घर के ऐसे सभी सदस्य जो 18 साल की उम्र से अधिक के हों वह कोरोना की वैक्सीन अवश्य लगवाएं, यदि संक्रमण से बड़े सुरक्षित होगें तो बच्चे भी सुरक्षित रहेगें। स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए भी वैक्सीन को सुरक्षित पाया गया है इसलिए स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी वैक्सीन लगवानी चाहिए।