IBC 2019: RCEP में न जाकर सरकार ने घरेलू उत्पादकों को दिया है एक नया मौका-गोपाल अग्रवाल
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में जारी इंडियन बैकिंग कॉन्क्लेव का आज दूसरा और आखिरी दिन था। । सेंट्रल फॉर इकोनॉमिक रिसर्च से (सीईपीआर) की तरफ से आयोजित इस कार्यक्रम में दूसरे दिन भी विशेषज्ञों का जमावड़ा था। जिन लोगों ने अपने-अपने विचार देश की अर्थव्यवस्था पर रखे उनमें देश की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल भी शामिल थे। गोपाल की मानें तो देश पांच ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी वाले लक्ष्य को जरूर हासिल करेगा। इसके साथ ही उन्होंने भारत सरकार के उस फैसले पर भी राय रखी जिसमें भारत ने आरसीईपी यानी रीजनल कॉम्प्रेहेन्सिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप में न जाने का मन बनाया था।
खुद को प्रतिदंद्विता के लिए तैयार करें उद्योग
गोपाल अग्रवाल की मानें तो आरसीईपी में न जाना सरकार का एक अच्छा फैसला था। उनका कहना था कि आरसीईपी बहुत आगे बढ़ चुका है। भारत का घरेलू उत्पादन अभी उस स्तर पर नहीं है। ऐसे में यह उनके लिए यह एक मौके की तरह है जहां पर वह खुद को प्रतिद्वंदिता के स्तर पर ला सकते है। वे अपने उद्योग को अब इस मौके के तहत खुद को अंतराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिद्वंदिता के लिए रेडी कर सकते हैं। गोपाल अग्रवाल पेशे से एक चार्टड एकाउंटेंट हैं। उन पर पार्टी की आर्थिक मसलों से जुड़े फैसलों को लेने की भी जिम्मेदारी है। गोपाल अग्रवाल ने हमसें इंपोर्ट ड्यूटी को कम करने पर भी बात की। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में अगर आपका आयात शुल्क यानी इंपोर्ट ड्यूटी प्रतियोगी स्तर पर नहीं हैं तो फिर घरेलू उत्पादकों को काफी संघर्ष करना पड़ता है। इसलिए इसमें एक्सपोर्ट को ध्यान में रखकर और उत्पादकों को ध्यान में रखकर कुछ बदलाव की जरूरत है।
क्यों बंद हो चुके हैं देश में कई उद्योग
उन्होंने देश में बंद हो चुके उद्योगों पर भी बात की। गोपाल अग्रवाल की मानें तो जो उद्योग बंद हो चुके हैं उनके लिए बेहतर इको सिस्टम की जरूरत है। नए इको सिस्टम के आने से पुराने सेक्टर्स कमजोर पड़ जाते हैं। ऐसे में हमें भी इस तरफ ध्यान देना होगा। गोपाल अग्रवाल की मानें तो अगले दो से तीन वर्षों के अंदर देश की अर्थव्यवस्था काफी बेहतर स्थिति में होगी। उनका कहना था कि आज भी देश की अर्थव्यवस्था दुनिया की तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। दुनिया भर की इंडस्ट्रीज आज देश में आने की कोशिशें कर रही हैं। कुछ कमियां हैं और सरकार उन्हें दूर करने की कोशिशें कर रही है। वर्तमान में सरकार आज सरकार ने दृढ़ निश्चय है कि वह पांच ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी के लक्ष्य को हासिल करके रहेगी, तो ऐसा जरूर होगा।