IAF में हनी ट्रैप: कैसे ग्रुप कैप्टन मारवाह ने दुश्मनों को दे डाली सारी अहम जानकारियां
गुरुवार को दिल्ली पुलिस ने इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) के ऑफिसर ग्रुप कैप्टन अरुण मारवाह को गिरफ्तार किया है। मारवाह पर आरोप है कि उन्होंने देश की सुरक्षा से जुड़ी कई अहम जानकारियां पाकिस्तान की इंटेलीजेंस एजेंसी आईएसआई को मुहैया कराईं।
नई दिल्ली। गुरुवार को दिल्ली पुलिस ने इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) के ऑफिसर ग्रुप कैप्टन अरुण मारवाह को गिरफ्तार किया है। मारवाह पर आरोप है कि उन्होंने देश की सुरक्षा से जुड़ी कई अहम जानकारियां पाकिस्तान की इंटेलीजेंस एजेंसी आईएसआई को मुहैया कराईं। मारवाह हनी ट्रैप का शिकार हुए और फिर उन्होंने देश की सुरक्षा को ताक पर रख दिया। मारवाह पहला ऐसा उदाहरण नहीं हैं जो इस तरह से हनी ट्रैप में फंसे और जिन्होंने देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया। इससे पहले भी पाकिस्तान की तरफ से ऐसी कोशिशें की जा चुके हैं। आज जब सोशल मीडिया सुपरहिट हो चुका है, हनी ट्रैप भी काफी आसान हो गया है।
कौन हैं अरुण मारवाह
ग्रुप कैप्टन अरुण मारवाह जिनकी उम्र 51 वर्ष है, दिल्ली आईएएफ के हेडक्वार्टर पर तैनात थे। 31 जनवरी को उन्हें एयरफोर्स की इंटेलीजेंस विंग ने स्मार्टफोन के साथ गिरफ्तार किया था। एयरफोर्स ने सात फरवरी को उनसे पूछताछ की और फिर उन्हें दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया गया। मारवाह ज्वॉइन्ट डायरेक्टरऑपरेशंस के तौर पर हेडक्वार्टर पर तैनात थे। वह एक बेहतरीन पैराट्रूपर भी हैं। दो बेटों के पिता मारवाह का एक बेटा भी एयरफोर्स ऑफिसर है।
सेक्स चैट के बदले दी अहम जानकारियां
स्टेशन ऑफिसर स्क्वाड्रन लीडर रुपिंदर सिंह की ओर से मारवाह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी। शुरुआती जांच में पता लगा था कि मारवाह को दो महिलाओं की ओर से लालच दिया गया था। इन दोनों महिलाओं ने किरन रंधावा और महिमा सिंह के नाम से फेसबुक पर प्रोफाइल बनाई थी और ये दोनों महिलाएं पाकिस्तान की एजेंसी आईएसआई से जुड़ी थीं। कहा जा रहा है कि दोनों महिलाएं मारवाह को ब्लैकमेल कर रही थीं। पहले मारवाह ने दोनों के साथ फेसबुक पर दोस्ती की और फिर तीन माह पहले दोनों को अनफ्रेंड कर दिया।
एक्सरसाइज की जानकारी भी
मारवाह ने अपने नंबर दोनों महिलाओं को दिए थे और दोनों से व्हाट्स एप पर चैटिंग शुरू कर दी। मारवाह ने तीनों सेनाओं के साइबर वॉरफेयर, स्पेशल ऑपरेशंस और स्पेस से जुड़ी कई जानकारियां व्हाट्स एप दीं। यहां तक कि उन्होंने कुछ डॉक्यूमेंट्स भी फेसबुक पर अपलोड किए। मारवाह ने यहां तक कि एयरफोर्स की एक एक्सरसाइज से जुड़ी अहम डॉक्यूमेंट्स तक दोनों महिलाओं को दे दिए थे। इन डॉक्यूमेंट्स से दुश्मन को तो मदद मिलती ही साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा को भी बड़ा खतरा पैदा हो सकता था।
सोशल नेटवर्किंग से मिली बड़ी मदद
सहारा सिक्योरिटी एजेंसियों के मुताबिक आईएसआई अब सोशल नेटवर्किंग के जरिए डिफेंस पर्सनल को फंसाने में लगी हुई है।आईएसआई इसके लिए ट्रेंड महिलाओं को हायर कर रही है। इन महिलाओं को पता होता है कि किस तरह से लोगों को पहले सोशल मीडिया पर फंसाना है और फिर फोन पर कामुक बातों के जरिए उन्हें अपने जाल में लेना है। सोशल मीडिया पर फ्रेंड रिक्वेस्ट इसकी पहली सीढ़ी होती है। मारवाह के केस में भी यही हुआ।
रक्षा मंत्रालय ने जारी कीं हैं गाइडलाइंस
जिस समय पठानकोट आतंकी हमला हुआ तो रक्षा मंत्रालय की ओर से गाइडलाइंस जारी की गईं। इन गाइडलांइस में इंडियन आर्मी, एयर फोर्स और नेवी के अधिकारियों और जवानों से कहा गया कि वे फेसबुक या फिर व्हाट्स एप को प्रयोग करते समय सावधानी बरतें। अधिकारियों से यूनिफॉर्म में प्रोफाइल फोटो न लगाने और अपनी पोस्टिंग की लोकेशन भी न शेयर करने को कहा गया था।