Sputnik V, Covaxin और Covishield कैसे काम करते हैं? जानिए कोरोना के इन टीकों के पीछे का विज्ञान
नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस को एक और टीका मिलने वाला है। जी हां रूस में बनी कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक V (Sputnik V) को भारत में मंजूरी मिल गई है। सरकारी पैनल ने इसे अप्रूव कर दिया है। देश में इस वैक्सीन का अभी फेज 3 ट्रायल चल रहा है। आपको बता दें कि दुनिया भर में रेगुलेटरी अप्रूवल पाने वाली यह पहली वैक्सीन थी मगर पर्याप्त ट्रायल डेटा न होने के चलते दूसरे देशों ने इसे ज्यादा तवज्जो नहीं दी।
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क्या है स्पूतनिक V वैक्सीन
प्रमुख सह-समीक्षित चिकित्सा पत्रिका द बीएमजे में क्रिस बरनियुक ने 19 मार्च को प्रकाशित एक पत्र में टीके की समीक्षा की थी। उस समय तक डब्लूएचओ द्वारा कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया गया था। इस समीक्षा के मुताबिक स्पूतनिक V एडेनोवायरस-26 (Ad26) और एडेनोवायरस-5 (Ad5) पर आधारित है। इसका इस्तेमाल कोरोना वायरस स्पाइक प्रोटीन के खिलाफ मजबूत प्रतिरक्षा तंत्र तैयार करने में किया जाता है। इसकी दो खुराक 21-21 दिन के अंतराल में दी जाती है। इस वैक्सीन का नाम रूस की पहली सैटेलाइट स्पूतनिक से मिला है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि उनकी बेटी पहले से ही वैक्सीन की दो खुराक ले चुकी थी। 1.5 बिलियन से अधिक लोगों की कुल आबादी वाले 59 देशों में भी इसे मंजूरी दी गई है।
स्पूतनिक V वैक्सीन कैसे करता है काम
स्पुतनिक वी वैक्सीन का काम शरीर में पहले से मौजूद एडेनोवायरस को नष्ट करना है, ताकि संक्रमित व्यक्ति गंभीर श्वसन रोग का शिकार न हो। आपको बता दें कि स्पूतनिक वी हैदराबाद की डॉ. रेड्डी लैब्स के साथ मिलकर ट्रायल किया है और उसी के साथ प्रोडक्शन चल रहा है। ऐसे में वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद भारत में टीकाकरण अभियान को तेजी मिलेगी।