क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

गलवान में 'बिहारी' जवानों ने चीनी सैनिकों की गर्दन तक तोड़ डाली , जानिए कितनी बहादुरी से लड़े 16 बिहार रेजीमेंट के 20 जांबाज

Google Oneindia News

नई दिल्‍ली। एक हफ्ता होने को है जब लाइन ऑफ एक्‍चुल कंट्रोल (एलएसी) के वेस्‍टर्न सेक्‍टर में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सेना की चीनी सेना से हिंसक झड़प हुई थी। इस झड़प में 16 बिहार रेजीमेंट के 20 जवान शहीद हो गए। लेकिन जब आप इस बारे में सुनेंगे कि ये बहादुर कितनी बहादुरी से लड़ें तो आपके रोंगटें खड़े हो जाएंगे। साथ ही सीना गर्व से चौड़ा हो जाएगा। वीरता की यह कहानी उन तमाम लोगों के लिए भी सबक है जो अक्‍सर बिहार के लोगों का मजाक उड़ाते हैं।

यह भी पढ़ें- 'ड्रैगन' पर भड़का अमेरिका, कहा- चीनी सेना बढ़ा रही है विवादयह भी पढ़ें- 'ड्रैगन' पर भड़का अमेरिका, कहा- चीनी सेना बढ़ा रही है विवाद

चीनी जवानों ने पोस्‍ट हटाने से किया था इनकार

चीनी जवानों ने पोस्‍ट हटाने से किया था इनकार

15 जून की शाम भारत की 3 इंफेंट्री डिविजन कमांडर और दूसरे सीनियर ऑफिसर्स श्‍योक और गलवान नदी पर Y जंक्‍शन के करीब भारतीय पोस्‍ट पर थे। इस दौरान भारत और चीन के बीच मेजर जनरल स्‍तर की एक और वार्ता होने वाली थी। सूत्रों के मुताबिक इंडियन आर्मी की 16 बिहार रेजीमेंट समेत बाकी सुरक्षा बल को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया था कि उन्‍हें उस पोस्‍ट को हटाना है जो चीनी सेना ने बना ली है। इसके बाद एक छोटी पेट्रोलिंग टीम को यह संदेश देने के लिए भेजा गया था। चीनी की उस ऑब्‍जर्वेशन पोस्‍ट पर 10 से 12 सैनिक मौजूद रहते हैं। उन सैनिको भारतीय जवानों ने वहां से चले जाने को कहा और चीनी जवानों ने ऐसा करने से साफ इनकार कर दिया था। भारत की तरफ से गई पेट्रोलिंग टीम अपनी यूनिट में लौट आई और इस बारे में अधिकारियों को जानकारी दे दी गई।

बातचीत के बीच चीनी करते रहे पत्‍थरबाजी

बातचीत के बीच चीनी करते रहे पत्‍थरबाजी

इसके बाद 16 बिहार के कमांडिंग ऑफिसर (सीओ) कर्नल संतोष बाबू अपनी एक टीम को लेकर उस पोस्‍ट पर पहुंचे और उन्‍होंने चीनी सेना से भारत की सीमा से चले जाने को कहा। इस बीच गश्‍त पर गई पहली पेट्रोलिंग टीम वापस लौट आई। चीनी जवानों ने रिइनफोर्समेंट को अपनी पोस्‍ट पर भेजने के लिए जो कि गलवान नदी घाटी के करीब थी। करीब 300 से 350 की संख्‍या में चीनी जवान वहां आ पहुंचे। जब भारत की तरफ से टीम पहुंची तो उससे पहले ही चीनी जवान अच्‍छी खासी संख्‍या में पोस्‍ट के करीब इकट्ठा हो गए थे। चीनी जवानों की तरफ से इस दौरान पत्‍थरबाजी होती रही और उन्‍होंने अपने हथियार भी भारतीय जवानों पर चलाने के लिए रेडी रखे थे। दोनों पक्षों के बीच बातचीत शुरू हुई और यह बातचीत काफी तनावपूर्ण हो गई।

कर्नल बाबू और हवलदार पलानी पर बोला हमला

कर्नल बाबू और हवलदार पलानी पर बोला हमला

इस बीच भारतीय जवानों ने चीनी जवानों के टेंट और उपकरण हटाने शुरू कर दिए थे। टेंट हटाने का सिलसिला जारी था कि तभी चीनी जवानों से सीओ संतोष बाबू और हवलदार पलानी पर हमला बोल दिया। सीओ कर्नल बाबू हमले में शहीद हो गए और इसी दौरान बिहार रेजीमेंट के बाकी बिहारी जवानों ने अपना संयम खो दिया। जवान उग्र होकर चीनी जवानों पर हमले बोल रहे थे। चीनी जवान ऊंचाई पर थे और वो लगातार इन जवानों पर पत्‍थर बरसा रहे थे। यह लड़ाई करीब तीन घंटे तक चली और इस दौरान कई चीनी जवान या तो मारे गए या फिर गंभीर रूप से घायल हो गए।

'जय बजरंगबली' के नारे के साथ आगे बढ़े जवान

'जय बजरंगबली' के नारे के साथ आगे बढ़े जवान

सूत्रों की तरफ से जो जानकारी आई है उसके मुताबिक जब कर्नल बाबू शहीद हो गए तो भारतीय जवानों ने हकीकत में एलएसी को पार किया। वो लगातार 'जय बजरंगबली' बोलते हुए आगे बढ़ रहे थे। कर्नल बाबू शहीद हो चुके थे और 10 जवानों को चीन ने बंदी बना लिया था। कहा जा रहा है कि भारतीय जवानों ने चीनी सेना के टेंट में आग लगा दी थी और बिहारी जवान लगातार लड़ते रहे थे। 16 बिहार रेजीमेंट के जवानों ने कम से कम 15 चीनी सैनिकों की गर्दन तोड़ी है। कई चीनी सैनिकों के सिर पत्थर से कुचल दिए गए हैं।

दोनों तरफ से करीब 500 सैनिक मौजूद

दोनों तरफ से करीब 500 सैनिक मौजूद

भारत के करीब 100 जवान इस संघर्ष में शामिल थे और चीन के 350 जवान मौजूद थे। अंत में बिहारी जवानों ने चीनी सेना के टेंट को पेट्रोलिंग प्‍वाइंट (पीपी) 14 से हटा दिए। अगली सुबह जब स्थिति थोड़ी शांत हुई तो चीनी जवानों के शव खुले में पड़े थे और भारतीय सेना की तरफ से इन्‍हें सौंपा गया। इस घटना के तुरंत बाद चीनी जवानों ने अपनी पोस्‍ट पर जवानों की संख्‍या बढ़ा दी थी। सरकार की तरफ से सेना को निर्देश दे दिए गए हैं कि अब वह स्थिति के मुताबिक हथियार प्रयोग करने के लिए स्‍वतंत्र हैं और चीन के साथ पूर्व में हुआ कोई भी समझौता हिंसक स्थितियों में मान्‍य नहीं होगा। भारत और चीन के बीच अभी लेफ्टिनेंट जनरल स्‍तर की वार्ता होनी है। अगले कुछ दिनों में होने वाली इस वार्ता का केंद्र बिंदु पीपी 14, पीपी 15 और पीपी 17A के साथ ही पैंगोंग त्‍सो होगा।

Recommended Video

India China dispute: एक हफ्ते में LAC के पास चीन लाया 200 ट्रक और बुलडोजर | वनइंडिया हिंदी
जनरल सिंह बोले उनके दोगुने सैनिकों को मारा

जनरल सिंह बोले उनके दोगुने सैनिकों को मारा

पूर्व सेना प्रमुख और अब बीजेपी सरकार में मंत्री जनरल (रिटायर्ड) वीके सिंह ने कहा है कि अगर इंडियन आर्मी ने अपने 20 बहादुर सैनिक 15/16 जून को हुए संघर्ष में गंवाएं हैं तो चीन के डबल सैनिक उन्‍होंने ढेर किया है। जनरल सिंह के मुताबिक चीन के करीब 43 सैनिक मारे गए हैं। जनरल सिंह के मुताबिक चीन कभी भी अपने मारे हुए सैनिकों के बारे में कभी सार्वजनिक तौर पर नहीं स्‍वीकारेगा क्‍योंकि यन् 1962 की जंग में भी उसने ऐसा ही किया था। 15 जून को 45 साल बाद यह पहला मौका था जब भारतीय जवानों ने एलएसी पर चीनी सेना के साथ हुए संघर्ष में अपनी जान गंवाई है।

Comments
English summary
How courageously soldiers of 16 Bihar regiment fought with Chinese soldiers and removed their observation post from Galwan Valley.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X