पापा की प्यारी बेटी हनीप्रीत ही संभालेंगी राम रहीम की गद्दी?
बेंगलुरु। पंचकुला हिंसा मामले में हनीप्रीत को पिछले बुधवार को जमानत पर जेल से रिहा कर दिया गया। जेल में 803 दिनों तक सजा काट कर जमानत पर रिहा हुई हनीप्रीत सीधे सिरसा स्थित बाबा राम रहीम के सच्चा सौदा डेरा पहुंची। जहां राम रहीम के अनुयाइयों ने हनीप्रीत का जबरदस्त स्वागत किया। हनीप्रीत गुरमीत राम रहीम की सबसे करीबी हैं इसलिए माना जा रहा है कि जल्द ही हनीप्रीत ही डेरे की कमान संभालेंगी!
बता दें 25 अगस्त 2017 को बलात्कार और हत्या के आरोप में बाबा राम रहीम की गिरफ्तारी के बाद पंचकुला में हिंसा की घटनाएं हुई थीं। इस हिंसा में 36 लोग मारे गए थे। हिंसा की साजिश रचने और राष्ट्रद्रोह जैसे संगीन आरोप में सिरसा के डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम की राजदार हनीप्रीत को जेल हुई थी। करीब 38 दिन तक फरार रहने बाद हनीप्रीत पुलिस की गिरफ्त में आई थी। आरोपी हनीप्रीत व अन्य आराेपियों पर से पंचकूला हिंसा मामले में 2 अक्टूबर को गैर जमानती, देशद्रोह की धाराएं हटाई गई थीं। साथ ही जमानती धाराओं में आरोप तय किए गए थे।
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जिसके बाद जमानत पर उन्हें अंबाला की सेंट्रल जेल से जमानत पर रिहा कर दिया गया। जमानत मिलने के बाद हनीप्रीत को लेने के लिए राम रहीम के अनुयायी वाहनों के काफिले के साथ पहुंचे। वाहनों के काफिलें के साथ सिरसा पहुंचने के बाद हनीप्रीत सीधे डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की गुफा में पहुंची। जहां समर्थकों ने उसका भव्य स्वागत किया और पटाखे जलाए।
डेरे की संगत में जागी नयी उम्मीद
बता दें डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम के जेल जाने के बाद अगर कोई शख्स सबसे ज्यादा सुर्खिय़ों में था वह हनीप्रीत ही थीं। हनीप्रीत की रिहाई के बाद डेरे की संगत में खासा उत्साह हैं। राम रहीम के जेल जाने के बाद से डेरे में सन्नाटा पसरा हुआ था। हनीप्रीत की रिहाई के बाद डेरे की संगत में यह भी उम्मीद जागी है कि अब जल्द ही राम रहीम की रिहाई मिल जाएगी। लेकिन जब तक ऐसा नही होता हैं तब तक हनीप्रीत ही अपने पापा के डेरे की जिम्मेदारी संभालेंगी।
बाबा का परिवार कर सकता है विरोध !
दरअसल, हनीप्रीत को गुरमीत राम रहीम अपनी दत्तक पुत्री मानता है। उनसे 20019 में उसे गोद लिया था। वह वर्षो से राम रहीम की छाया बन कर रहती है। राम रहीम हनीप्रीत की सारी बात मानता था। वह हर स्टेज पर वह बाबा के साथ दिखाई देती थी। यहां तक की राम रहीम द्वारा बनाई गई फिल्मों में वह राम रहीम के साथ मुख्य भूमिका में नजर आयीं थी। वह डेरा के कई महत्वपूर्ण फैसले लेने के साथ ही राम रहीम की फिल्मों को भी डायरेक्ट कर चुकी है। बाबा ने गिरफ्तारी के बाद हनीप्रीत को साथ रखने की बात कही थी। बाबा के डेरे में आलीशान,ग्लैमर से भरी जिंदगी बिताने वाली हनीप्रीत ने जेल की काल कोठरी में लंबा समय बिताया। राम रहीम अपने परिवार से अधिक हनीप्रीत पर विश्वास करता है। वह राम रहीम की सबसे बड़ी राजदार हैं। इसलिए वो ही हैं जो राम रहीम के उजड़ चुके डेरे को दोबारा खड़ा कर पाएगी। हालांकि यह भी माना जा रहा है कि हनीप्रीत का डेरा संभालने पर बाबा का परिवार भी विरोध कर सकता है। इतना ही नहीं डेरे में दोबारा भक्तों की वैसी ही संगत जुटा पाना हनीप्रीत के लिए किसी कड़ी चुनौती से कम नहीं होगा।
पूर्व पति ने दोनों के संबंधों पर लगाया था ये संगीन आरोप
हनीप्रीत का असली नाम प्रियंका तनेजा है। विश्वास गुप्ता नामक व्यक्ति उसका पूर्व पति हैं। प्रियंका तनेजा उर्फ हनीप्रीत और विश्वास गुप्ता की शादी 14 फरवरी, 1999 को डेरा प्रमुख राम रहीम ने ही कराई थी। हालांकि दोनों की शादी ज्यादा दिन नहीं चल सकी। कुछ समय बाद हनीप्रीत ने राम रहीम से शिकायत की कि उसके ससुराल वाले उसे दहेज के लिए परेशान कर रहे हैं। बताया जाता है कि राम रहीम ने हनीप्रीत की शादी तो गुप्ता से कराई थी, लेकिन उसे कभी भी हनीप्रीत के साथ संबंध बनाने नहीं दिया गया। हनीप्रीत के इसी पूर्व पति ने बाबा रहीम और हनीप्रीत के बीच पिता और दत्तक पुत्री के संबंधों को लेकर गंभीर आरोप लगाए थे। बाबा के जेल जाने के बाद उसने आरोप लगाया था कि दोनों के बीच पिता पुत्री का संबंध केवल दुनिया को दिखाने के लिए हैं जबकि वह उससे दूसरी शादी कर चुका हैं। इसी समय विश्वास गुप्ता ने यह भी खुलासा किया था कि बाबा के डेरे में बिग बॉस गेम भी होता है। इस गेम में सदस्यों को टास्क दिया जाता था। बाबा ने इसके लिए एक गुफा बनाई थी, जिसमें उसके परिवार के सदस्य और हनीप्रीत थे। टास्क में गलती करने पर बाबा के नाम का सुमिरन करने की सजा देते थे। हनीप्रीत बार-बार टास्क में गलती कर कमरे में जाती और रात भर रहती थी। इस कमरे का एक दरवाजा बाबा के कमरे की तरफ खुलता था। इसी को लेकर पूर्व पति विश्वास को दोनों के बीच संबंधों को लेकर शक हुआ था।
स्कूल में पहली बार हनीप्रीत पर पड़ी थी बाबा की नजर
मूल
रूप
से
हरियाणा
के
फतेहाबाद
जिले
की
रहने
वाली
प्रियंका
तनेजा
1996
में
पहली
बार
डेरे
के
कॉलेज
में
11वीं
क्लास
में
पढ़ने
के
लिए
आई
थी।
पहले
डीएवी
स्कूल
फतेहाबाद
से
उसने
दसवीं
की
परीक्षा
पास
की
थी।
डीएवी
स्कूल
में
प्रियंका
की
तत्कालीन
क्लास
टीचर
सुनीता
मदान
के
मुताबिक
वो
पढ़ने
में
तेज
नहीं
थी।
मगर
उसे
नाचने,
गाने
और
अभिनय
का
बहुत
शौक
था।
जब
वह
डेरे
में
आई
तो
उसी
साल
राम
रहीम
लड़कियों
को
आर्शीवाद
देने
के
बहाने
उनके
स्कूल
में
आया।
तभी
उसकी
नजर
प्रियंका
तनेजा
पर
पड़ी।
कुछ
समय
बाद
ही
राम
रहीम
ने
प्रियंका
तनेजा
को
अपने
वश
में
कर
लिया
और
फिर
उसका
नया
नामकरण
किया
गया।
अब
प्रियंका
राम
रहीम
की
हनीप्रीत
बन
चुकी
थी।
कुछ
ही
दिनों
में
हनीप्रीत
गुरमीत
की
सबसे
करीबी
बन
गई
थी।
गुरमीत
उस
पर
इतना
मेहरबान
था
कि
उसे
कभी
डेरे
से
बाहर
नहीं
जाने
दिया।
उसकी
पढ़ाई
लिखाई
सब
डेरे
में
ही
करवाई
गई।
वहीं
पर
उसके
नाम
पर
कई
बड़े
कारोबार
शुरू
किए
गए।
हनीप्रीत
का
भाई
साहिल
तनेजा
को
भी
गुरमीत
राम
रहीम
को
का
आर्शीवाद
मिला।
वह
डेरे
में
बड़े
स्तर
पर
कारोबार
करता
था।
हनीप्रीत
के
पिता
रामानंद
तनेजा
पहले
पुरानी
दिल्ली
के
सामने
एमआरएफ
टायर्स
का
शोरूम
चलाते
थे।
जिसका
नाम
सच
टायर्स
था।
लेकिन
बाद
में
उन्होंने
डेरे
में
ही
एक
बड़ा
सीड
प्लांट
डाल
लिया।
इतना
ही
नहीं
हनीप्रीत
के
चाचा
मामा
सभी
के
बिजनेस
पर
बाबा
राम
रहीम
की
खूब
कृपा
बरसी।
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