शराब बंदी पर केरल को "हिंदुत्व के सागर" में धकेला
केरल। केरल सरकार की ओर से राज्य में शराबबंदी की घोषणा के बाद कई संगठन इसके पक्ष में हैं तो कई इसके विरोध में उतर आए हैं। वहीं इस बीच इसे एक हिंदूवादी संगठन के नेता ने इस पूरे निर्णय को साम्प्रदायिक रंग दे दिया है। नारायण धर्म परिपालना योगम के नेता वेलापल्ली नातेशन ने कहा है कि शराबबंदी करने का निर्णय हिंदूओं को प्रभावित करेगा।
इसके बाद विवाद गहरा गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक कैथालिक पादरियों पर ने सवाल पूछा है कि क्या चर्च अपनी प्रार्थनाओं में वाइन का इस्तेमाल रोकने को तैयार हैं। नातेशन ने यह कहा है कि जो बार बंद हो चुके हैं वह हिंदूओं के थे और जो बंद हैं वह इसाइयों के हैं।
साम्प्रदायिक हैं बयान
मुख्य पादरी फ्रांसिस कल्लाराकल ने नातेशन के बयान को साम्प्रदायिक करार दिया है। पादरी कल्लाराकल ने कहा है कि प्रार्थना के दौरान वाइन का चलना इसाइयों की आस्था से जुड़ा है। यह तब तक चेलेगा जबतक दुनिया कायम है। वहीं इस पर एक और हिंदू नेता कूद पड़े हैं। 'नायर सर्विस सोसायटी' नेता जी. सुकुमारन नायर ने कहा है कि केरल में शराब बंद करने देने का निर्णय अव्यवहारिक है। नायर ने कहा कि यह फैसला इसाइयों और मुस्लिमों के हित में है।