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जिन्ना टावर पर तिरंगा फहराना चाहते थे हिंदू वाहिनी के लोग, आंध्र प्रदेश पुलिस ने ऐसे रोका-Video

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गुंटूर, 26 जनवरी: आंध्र प्रदेश के गुंटूर में गणतंत्र दिवस के मौक पर हिंदू वाहिनी के लोगों ने जिन्ना टावर पर तिरंगा फहनाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने सख्ती से रोक दिया। गुंटूर शहर में जिन्ना टावर वहां का लैंडमार्क है। इससे पहले बीजेपी राज्य सरकार से वहां मौजूद स्मारक और उस जगह का नाम बदलने की मांग करती रही है। तिरंगा फहराने की कोशिश करने वाले 15-20 कार्यकर्ताओं को स्थानीय पुलिस ने हिरासत में ले लिया और इस घटना की वजह से जिन्ना सर्किल इलाके में तनाव की बात बताई जा रही है।

जिन्ना टावर पर तिरंगा फहराने से पुलिस ने रोका

जिन्ना टावर पर तिरंगा फहराने से पुलिस ने रोका

आंध्र प्रदेश के गुंटूर में व्यस्त महात्मा गांधी रोड पर गणतंत्र दिवस के मौके पर काफी बवाल हुआ। यहां 10 से ज्यादा हिंदू वाहिनी के कार्यकर्ता भारत माता की जय के जयकारे लगाते पहुंच गए। वे जिन्ना टावर परिसर में पहुंचे और गणतंत्र दिवस के अवसर वहां राष्ट्र ध्वज फहराने की कोशिश की। लेकिन, वहां ऐसी किसी भी कोशिश को नाकाम करने के लिए पहले से ही भारी तादाद में पुलिस बंदोबस्त की गई थी, जिसने तिरंगा फहराने वालों को सख्ती से रोक दिया। पुलिस ने तिरंगा फहराने की कोशिश करने के आरोप में 15-20 कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया।

जिन्ना टावर का नाम बदलने की हो रही है मांग

जिन्ना टावर का नाम बदलने की हो रही है मांग

गुंटूर के एसपी आरिफ हाफिज ने बताया कि 'पुलिस ने 15-20 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है और उन्हें स्थानीय पुलिस स्टेशन में ले जाया गया है। उन्हें आज ही बाद में छोड़ दिया जाएगा।' एक स्थानीय निवासी श्याम सुंदर के मुताबिक गुंटूर नगर निगम पहले से ही जिन्ना टावर के चारों और कंटीले तार की फेंसिंग लगा चुकी है। उनके मुताबिक ऐसा तब किया गया, जब प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सोमु वीरराजू ने पिछले 30 दिसंबर को कहा था कि जिन्ना टावर हटा दिया जाएगा और इलाके का नाम पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम या जाने-माने दलित कवि गुरराम जोशुआ के नाम पर रखा जाएगा।

1945 में बना था जिन्ना टावर

1945 में बना था जिन्ना टावर

जिन्ना टावर की स्थापना बीच गंटूर शहर में 1945 में देश के विभाजन से पहले जिन्ना के सम्मान में किया गया था। इसका निर्माण 6 खंभों पर किया गया है, जिसके ऊपर एक गुंबदनुमा ढांचा है। इस इलाके को जिन्ना सेंटर के नाम से भी जाना जाता है। लेकिन, बीजेपी को इसके नाम पर इसलिए आपत्ति है, क्योंकि यह भारत के विभाजन के लिए जिम्मेदार मोहम्मद अली जिन्ना के नाम पर है। लेकिन, गुंटूर के मेयर कावती मनोहर ने भारतीय जनता पार्टी की मांग को यह कहकर खारिज कर दिया कि 1966 में जिन्ना टावर का नाम 'हामिद मीनार' करने की मांग की गई थी, लेकिन गुंटूर नगर निगम ने उस प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया था।

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भाजपा ने साथा सीएम जगन पर निशाना

लेकिन,एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे गणतंत्र दिवस के दिन अपने ही देश में तिरंगा फहराने वाले को पुलिस ने किस तरह से रोका है उसका वीडियो होने का दावा किया जा रहा है। यह सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव और उत्तर प्रदेश के सह-प्रभारी वाई सत्यकुमार ने ट्विटर पर यह वीडियो शेयर करते हुए लिखा है- 'जगन के अधीन आंध्र प्रदेश मिशनरीज के साथ-साथ जिहादियों के दोहरे हमले का शिकार हो रहा है। गुंटूर के जिन्ना टावर के पास एक व्यक्ति को तिरंगा फहराने के लिए गिरफ्तार कर लिया गया। यहां जगन का शासन है, एसडीपीआई और पीएफआई के गुंडे अवैध मस्जिदों का निर्माण कर सकते हैं, लेकिन एक सामान्य आदमी राष्ट्र ध्वज नहीं फहरा सकता। जगन का सिद्धांत!'

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English summary
Police foiled an attempt to hoist the tricolor at Jinnah Tower in Guntur, Andhra Pradesh, people of Hindu Vahini were trying
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