बीजेपी का दावा- बंगाल हिंसा से डरे कार्यकर्ता, जान बचाने के लिए भागकर जा रहे असम
कोलकाता, मई 5: पश्चिम बंगाल में चुनावी नतीजे आने के बाद से माहौल खराब हो गए हैं, जहां पर बीजेपी के नेताओं को चुन-चुनकर निशाना बनाया जा रहा। कई जगहों पर लूटमार और दुकानों में तोड़फोड़ की भी घटनाएं सामने आई हैं। बीजेपी का आरोप है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बंगाल पुलिस टीएमसी के गुंडों का समर्थन कर रही है। जिस वजह से वो लगातार उपद्रव कर रहे हैं। इन घटनाओं के बीच असम के वरिष्ठ बीजेपी नेता हिमंत बिस्व सरमा ने नया दावा किया है।
हिमंत बिस्व के मुताबिक बंगाल में राजनीतिक हिंसा अपने चरम पर है, जहां पर टीएमसी के गुंडे बीजेपी कार्यकर्ताओं को जमकर निशाना बना रहे हैं। ऐसे में 300-400 बीजेपी कार्यकर्ता असम की ओर पलायन कर रहे हैं। असम सरकार बंगाल से आ रहे लोगों को दर्द समझती है, ऐसे में उनके लिए शेल्टर होम में खाने-पीने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने आगे कहा कि ये घटनाएं ममता बनर्जी के लोकतंत्र का घिनौना नाच है और उन्हें इसे बंद करना चाहिए।
बीरभूम
में
दो
महिलाओं
से
रेप?
बंगाल
बीजेपी
ने
मंगलवार
को
कहा
कि
बीरभूम
जिले
के
नानूर
में
बीजेपी
उम्मीदवार
तारक
साहा
की
पोलिंग
एजेंट
बनी
दो
महिलाओं
के
साथ
गैंगरेप
हुआ
है।
इसका
आरोप
बीजेपी
ने
टीएमसी
कार्यकर्ताओं
पर
लगाया।
वहीं
एक
कार्यकर्ता
के
अपहरण
की
भी
खबर
सामने
आ
रही
है।
हालांकि
बंगाल
पुलिस
ने
घटना
से
इनकार
किया
है।
मामले
में
बीरभूम
के
SP
एनएन
त्रिपाठी
ने
कहा
कि
ये
खबरें
भ्रामक
हैं,
क्योंकि
स्थानीय
बीजेपी
नेताओं
ने
भी
ऐसी
खबरों
से
इनकार
किया
है।
मानवाधिकार
आयोग
भी
करेगा
जांच
मानवाधिकार
आयोग
के
मुताबिक
पिछले
दो
दिनों
से
बंगाल
में
हिंसा
जारी
है,
जिस
वजह
से
कई
राजनीतिक
कार्यकर्ताओं
की
हत्या
हुई।
इसके
अलावा
कई
दुकानों
और
घरों
में
भी
तोड़फोड़
की
गई
है।
मामले
की
गंभीरता
को
देखते
हुए
मानवाधिकार
आयोग
ने
इसका
संज्ञान
लिया
है।
साथ
ही
उनकी
एक
टीम
बंगाल
में
जाएगी
और
वहां
पर
मामले
की
जांच
करेगी।
इसके
बाद
आयोग
इस
पर
कार्रवाई
करेगा।