चेन्नई। कनिश्री का जन्म मई 2017 में हुआ और वो बस 22 दिन की ही हुई थी जब उसके माता-पिता उसे पोलियो वैक्सीनेशन के लिए ले गए थे। उसके डॉक्टर ने नोटिस किया कि उसकी दिल की धड़कन बहुत तेज़ थी और उसका स्कैन करवाने के लिए कहा गया। इस दौरान चेन्नई के आसपास अस्पताल में हेल्थ कैंप लग रहे थे और सामान्य अस्पताल में जाकर जांच करवाने का खर्चा बहुत ज़्यादा था इसलिए कनिश्री के पिता राजेश ने उसे कैंप ले जाने का फैसला किया, जांच में जो सामने आया वो चौंकाने वाला था।
कनिश्री की जान बचाने के लिए कीजिए मदद
हार्ट की सर्जरी करवानी है...
महज़ 22 दिन की बच्ची जानलेवा ह्रदय रोग से जूझ रही थी। उसे तुरंत हार्ट की सर्जरी करवाने की ज़रूरत थी। उसे फैलोट हाइपोप्लास्टिक पीवी नामक बीमारी थी जिसमें दिल को शरीर के लिए खून साफ करने में दिक्कत आ रही थी। इस वजह से बच्ची का शरीर नीला पड़ रहा था। कनिश्री अब एक साल की हो चुकी है और उसकी सर्जरी एक साल से अटकी हुई है। दिन-रात वो दर्द से कराहती रहती है और अब तो ठीक से खा भी नहीं पाती है।
सर्जरी के लिए पैसे नहीं
"डॉक्टर ने पिछले साल सर्जरी के लिए कहा था लेकिन हमारे पास तब भी सर्जरी के लिए पैसे नहीं थे। जितना ज़्यादा हम देर करेंगे हमारी बच्ची की हालत उतनी ही बिगड़ती जाएगी।"
सर्जरी का खर्च 4 लाख रुपए
पिछले साल कनिश्री को भारी दवाओं पर ज़िंदा रखा गया था जिससे उसके दिल को काम करने में मदद मिल रही थी। अब तक राजेश 70 हज़ार रुपए खर्च कर चुका है और सर्जरी का खर्च 4 लाख रुपए है। राजेश नाई की एक छोटी सी दुकान पर काम करता है। वो नाई की दुकान से बस इतना की कमा पाता है कि उसके घर में दो वक्त की रोटी आ सके। उसकी पत्नी गृहिणी है। पिछले साल कनिश्री का चेकअप करवाने के लिए उन्हें अपोलो अस्पताल पहुंचने के लिए 5 घंटे का सफर तय करना पड़ा था। इसका असर उनके काम पर भी पड़ा था और उसकी आय पहले से भी कम हो गई।
राजेश और उसकी पत्नी का अब कोई सहारा नहीं
राजेश और उसकी पत्नी का अब कोई सहारा नहीं है। उसके रिश्तेदार और दोस्त भी मदद करने की हालत में नहीं है। आप चाहें तो कनिश्री और उसके परिवार की जान बचाने के लिए मदद कर सकते हैं। आपका छोटा सा योगदान भी उसके परिवार के लिए बहुत बड़ा होगा। वो नाई की दुकान से बस इतना की कमा पाता है कि उसके घर में दो वक्त की रोटी आ सके। उसकी पत्नी गृहिणी है। पिछले साल कानिश्री का चेकअप करवाने के लिए उन्हें अपोलो अस्पताल पहुंचने के लिए 5 घंटे का सफर तय करना पड़ा था।
कीजिए गरीब परिवार की मदद
इसका असर उनके काम पर भी पड़ा था और उसकी आय पहले से भी कम हो गई थी। आप चाहें तो कनिश्री और उसके परिवार की जान बचाने के लिए मदद कर सकते हैं। आपका छोटा सा योगदान भी उसके परिवार के लिए बहुत बड़ा होगा।