चीन के लिए एक और बुरी खबर, भारत बनेगा ग्लोबल इकॉनमी का वर्ल्ड लीडर
नई दिल्ली। बीते कई दिनों से चीन और भारत के बीच विवाद चल रहा है। डोकलाम पर भारत, भूटान का समर्थन कर रहा है जो बात चीन को चुभ रही है। इतना ही नहीं चीन की आधिकारिक मीडिया ने तो युद्ध तक की चेतावनी दे दी है। हालांकि अब चीन के लिए एक बुरी खबर है।
हार्वर्ड का नया अध्ययन
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के एक नए अध्ययन में कहा गया है कि भारत चीन से आगे बढ़कर वैश्विक विकास के आर्थिक स्तंभ के रूप में उभरा है और आने वाले दशक में उम्मीद है कि वो नेतृत्व जारी रखेगा।
7.7 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (सीआईडी) विकास अनुमानों के मुताबिक विभिन्न कारणों के चलते , भारत 2025 तक सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं की सूची में सबसे ऊपर है, जिसका औसत 7.7 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि के साथ है।
आने वाले दशक तक...
सीआईडी रिसर्च ने सुझाव दिया कि 'वैश्विक विकास का आर्थिक ध्रुव पिछले कुछ सालों से चीन से हटकर पड़ोसी भारत में चला गया है, जो आने वाले दशक में यही रहेगा।'
तेजी से विकास संभावनाएं जिम्मेदार
अध्ययन ने इस तथ्य को भारत की तेजी से विकास संभावनाओं को जिम्मेदार ठहराया है कि भारत ने अपने निर्यात आधार को विविधीकरण के लिए रसायन, वाहन और कुछ इलेक्ट्रॉनिक्स जटिल क्षेत्रों में शामिल किया है।
अधिक जटिल उत्पादन करेंगे
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत, इंडोनेशिया और वियतनाम ने नई क्षमताओं को जमा किया है जो आने वाले वर्षों में तेजी से विकास की भविष्यवाणी करते हुए अधिक विविध और अधिक जटिल उत्पादन करेंगे। अध्ययन में कहा गया है कि आर्थिक विकास एक आसान पैटर्न का पालन करने में विफल रहा है।
ये भी है एक वजह
अध्ययन में कहा गया है कि , 'भारत, तुर्की, इंडोनेशिया, युगांडा और बुल्गारिया में सबसे तेज़ी से बढ़ने वाले सभी देश राजनीतिक, संस्थागत, भौगोलिक और जनसांख्यिकीय आयामों में विविध हैं। सीआईडी के नए विकास अनुमानों में कहा गया है, वो अपने कर्मचारियों की क्षमताओं के विस्तार पर ध्यान केंद्रित करते हैं जिसके चलते वो नए उत्पादों और उत्पादों की बढ़ती जटिलता मे अच्छी स्थिति पर आ रहे है।'
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