Happy Birthday Mayawati: यूपी की सीएम बनकर दलित की बेटी ने रचा था इतिहास, जानिए कुछ अनकही बातें
Happy Birthday Mayawati: बसपा सुप्रीमो मायावती का आज 65वां जन्मदिन है। अपने बर्थडे के एक दिन पहले ही मायावती ने अपने समर्थकों से अपील की थी , आज का दिन पार्टी के लोग 'जनकल्याणकारी दिवस' के रूप में मनाएं और गरीबों और पीड़ितों की मदद करें, माया आज केक भी नहीं काटेंगी। उत्तर प्रदेश की चार बार सीएम रह चुकीं और देश की सियासत में कई बार किंगमेकर की भूमिका निभाने वाली मायावती का पूरा नाम मायावती नैना कुमारी है। उनका जन्म 15 जनवरी 1956 को दिल्ली के श्रीमति सुचेता कृपलानी अस्पताल में हुआ था। उनके पिता प्रभु दास गौतमबुद्ध नगर के बादलपुर के एक पोस्ट ऑफिस में कर्मचारी थे, मायावती के 6 भाई और 2 बहनें हैं।

साल 1984 में मायावती को बसपा में शामिल किया गया था
मायावती ने 1975 में दिल्ली की कालिंदी कॉलेज से बीए की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी पूरी की। बसपा सु्प्रीमो ने बीएड करने के बाद दिल्ली के इंद्रपुरी जे जे कॉलोनी में बतौर टीचर पढ़ाना शुरू किया, साथ ही वे आईएएस की तैयारी भी करती रहीं। इसी बीच उनकी मुलाकात बसपा नेता कांशीराम से हुई यह बात 1977 की है, कांशीराम के सम्पर्क में आने के बाद उन्होंने एक पूर्ण कालिक राजनीतिज्ञ बनने का निर्णय ले लिया। साल 1984 में मायावती को बसपा में शामिल किया गया और साल 1989 में वे पहली बार सांसद बनीं।

कांशी राम ने मायावती को उत्तराधिकारी बताया
15 दिसंबर 2001 को लखनऊ में रैली को संबोधित करते हुए कांशी राम ने मायावती को उत्तराधिकारी बताया। इसके बाद 18 सितंबर 2003 को उन्हें बसपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। फिर बाद में 27 अगस्त 2006 को दूसरी बार और 30 अगस्त 2014 को लगातार तीसरी बार मायावती को पार्टी अध्यक्ष चुना गया। मायावती अविवाहित हैं और अपने समर्थकों में 'बहनजी' के नाम से जानी जाती हैं। यही नहीं मायावती के 47वें जन्मदिन पर पार्टी के लिये फंड इकठ्ठा करने पर कांशीराम ने उनकी जमकर तारीफ की थी, तभी से उनका जन्मदिन सुर्खियों में रहने लगा। साल 2010 में उनके जन्मदिन पर 7,312 करोड़ रुपए खर्च हुए, जो कि पूरे देश में एक चर्चा का विषय था।

पहली दलित महिला जो बनीं सीएम
मायावती पहली दलित महिला हैं, जो भारत के किसी राज्य की मुख्यमंत्री बनीं। 1995 में गठबंधन की सरकार बनाते हुए मायावती मुख्यमंत्री बनीं थी, उस समय तक मायावती राज्य की सबसे कम उम्र में बनने वाली मुख्यमंत्री थीं। मायावती ने अपना पहला चुनाव साल 1984 में उत्तर प्रदेश में कैराना लोकसभा सीट से लड़ा था। इसके बाद दूसरी बार साल 1985 में उन्होंने बिजनौर और फिर 1987 में हरिद्वार से चुनाव लड़ा। साल 1989 में मायावती को बिजनौर से जीत हासिल हुई। मायावती पहली बार साल 1994 में राज्यसभा सांसद बनीं।
विवादों से भी रहा नाता
मायावती का सियासी विवादों में भी रहा है, जिसमें सबसे बड़ा विवाद है ताज कॉरिडॉर केस, दरअसल 2002 में उत्तर प्रदेश सरकार ने ताज हेरिटेज कॉरिडोर का निर्माण शुरू किया। देखते ही देखते पूरा प्रोजेक्ट विवादों में आ गया। मायावती की टेबल पर्यावरण विभाग, सीबीआई और सुप्रीम कोर्ट के नोटिसों से भर गई। ऊपर से विपक्षी दलों ने उनपर जमकर हमले किये। इस दौरान सीबीआई ने मायावती के 12 आवासों पर रेड डालीं। उसी दौरान आय से अधिक संपत्ति का खुलासा हुआ। इसमें 17 करोड़ रुपए की हेराफेरी के आरोप लगे थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने बाद में सीबीआई की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें मायावती को आरोपी बनाया गया था।

देश की रईस राजनेताओं में से एक हैं मायावती
मायावती देश की रईस राजनेताओं में गिनी जाती हैं, 2012 में राज्यसभा की सांसद बनाये जाने के दौरान जब मायावती ने हलफनामा दाखिल किया तब उनकी संपत्ति 111 करोड़ रुपए थी और उनके पास 1,05,85,000 रुपए के हीरे जवाहरात थे। दिल्ली के कनॉट प्लेस में मायावती की खुद की दो बिल्डिंगें हैं, जिनकी कीमत करोड़ों में हैं, इसके अलावा उनके पास लखनऊ में भी कोरड़ों का आलीशान बंगला है। फोर्ब्स पत्रिका ने मायावती को विश्व की 100 ताकतवर महिलाओं की लिस्ट में शामिल किया था।