Guru Purnima 2022: पीएम मोदी ने दी 'आषाढ़ी पूर्णिमा' की बधाई, कहा-'बुद्ध विचार भी है और संस्कार भी', Video
नई दिल्ली, 13 जुलाई। आज आषाढ़ मास की पूर्णिमा है और आज के ही दिन को 'गुरु पूर्णिमा' के रूप में मनाया जाता है। विश्वास के मानक इस पर्व पर आज जहां भारी संख्या में लोगों ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई है वहीं दूसरी ओर आज काशी-प्रयागराज समेत कई तीर्थ स्थानों पर घाटों के किनारे सत्संग का भी आयोजन किया गया है तो वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खास ढंग से गुरु पूर्णिमा (आषाढ़ पूर्णिमा) की देशवासियों को बधाई दी है।
'हमारे गुरुओं का आशीर्वाद भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाए'
पीएम मोदी ने ट्वीट किया है कि 'गुरु पूर्णिमा की हार्दिक बधाई। आज का दिन उन सभी अनुकरणीय गुरुओं के प्रति आभार व्यक्त करने का दिन है जिन्होंने हमें प्रेरित किया, हमें मार्गदर्शन दिया और हमें जीवन के बारे में बहुत कुछ सिखाया। हमारा समाज सीखने और ज्ञान को अत्यधिक महत्व देता है। मैं आशा करता हूं कि हमारे गुरुओं का आशीर्वाद भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाए।'
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'बुद्ध विचार भी है और संस्कार भी'
तो वहीं उन्होंने आषाढ़ पूर्णिमा की बधाई देते हुए एक दिलस्पर्शी वीडियो भी शेयर किया है, जिसमें उन्होंने महात्मा बुद्ध के उपदेशों के बारे में बताया है। उन्होंने कहा कि' बुद्ध विचार भी है और संस्कार भी है। बुद्ध केवल इसलिए विशेष नहीं है क्योंकि उन्होंने उपदेश दिए बल्कि उन्होंने पूरी मानव जाति को मानवता का बोध कराया। भगवान बुद्ध ने हमें जीवन जीने के 8 मंत्र दिए हैं।' आपको बता दें कि गुरु पूर्णिमा को आषाढ़ पूर्णिमा या धम्म चक्र दिवस भी कहते हैं।
'जहां ज्ञान है, वहीं पूर्णता है'
इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा, ''आज हम गुरु पूर्णिमा मनाते हैं। आज ही के दिन भगवान बुद्ध ने बुद्धत्व की प्राप्ति के बाद अपना पहला ज्ञान दुनिया को दिया था। हमारे यहां कहा गया है कि जहां ज्ञान है, वहीं पूर्णता है।'
"बैर को बैर से खत्म नहीं किया जा सकता"
उन्होंने आगे कहा कि "बैर को बैर से खत्म नहीं किया जा सकता है बल्कि बैर को दूर करने के लिए एकमात्र साधन प्रेम ही है।"
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जानिए 'गुरु' का अर्थ
शास्त्रों में 'गु' का अर्थ बताया गया है- अंधकार या मूल अज्ञान और 'रु' का अर्थ है- उसका निरोधक। 'गुरु' को 'गुरु' इसलिए कहा जाता है कि वह अज्ञान तिमिर का ज्ञानांजन से निवारण कर देता है इसलिए अंधकार को हटाकर प्रकाश की ओर ले जाने वाले को 'गुरु' कहा जाता है।