गुजरात चुनाव: प्रदेश के मुसलमान क्यों कह रहे हैं ईवीएम को 'शैतान'
नई दिल्ली। गुजरात में पहले चरण का चुनाव हो चुका है, दूसरे चरण के लिए 14 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे। दूसरे चरण के मतदान से पहले राज्य के कई मुस्लिम मतदाताओं ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को सबसे बड़ा शैतान बताया है। सोशल मीडिया पर भी इस तरह के संदेश चल रहे हैं कि आपका वोट किसी और को जा सकता है। छोटा उदयपुर जिले में काफी लोग ये कह रहे हैं कि ईवीएम में गड़बड़ी हो सकती है। हालांकि सभी ने कहा कि चिंताओं के बावजूद वह 14 दिसंबर को मतदान करेंगे।
सोशल मीडिया के मैसेज बढ़ा रहे हैं चिंता
57 साल के सैयद माला ईवीएम में गड़बड़ी पर कहा कि आम इंसान के पास वोट का ही अधिकार है और वो भी जहां डाला है, वहां नहीं पहुंचेगा तो ये लोकतंत्र के लिए सही नहीं है। कई लोगों ने साफ कहा कि ईवीएम को लेकर तमाम दावों के बीच उनका मशीन पर भरोसा नहीं है और वोटिंग बैलेट पेपर के जरिए ही होनी चााहिए। छोटा उयदपुर की कई विधानसभाओं के मतदाताओं ने ऐसी बातें कहीं।
छात्र और नौकरीपेशा भी ईवीएम को लेकर फिक्रमंद
ईवीएम को लेकर शंकाएं सिर्फ ग्रामीण इलाकों या कम पढ़े-लिखे लोगों तक सीमित नहीं है। छात्र और नौकरीपेशा भी ईवीएम को लेकर संदेह से भरे हैं। छात्र हुसैन कहते हैं कि मुझे इस बात का भरोसा नहीं है कि मैं जिसे वोट डालूंगा, वो सही जगह जाएगा। मुस्लिमों में ईवीएम को लेकर ज्यादा चिंताएं दिखीं। फारूख सैयद नाम के शख्स ने तो ईवीएम को शैतान का नाम दे दिया।
ईवीएम पर और भी जगह है विरोध
भारतीय चुनाव आयोग लगातार ईवीएम को लेकर सवालों को बेबुनियाद कहता रहा है। इसके बावजूद लगातार ईवीएम पर सवाल उठते रहे हैं। हाल ही में उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव में तो बहुजन समाज पार्टी ने बैलेट से चुनाव कराने की बात पर अपने मेयरों के इस्तीफे तक की बात कह दी थी। ईवीएम को लेकर सपा, बसपा, कांग्रेस, आप, राजद और दूसरे दल सवाल उठाते रहे हैं।
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