गुजरात चुनाव की बड़ी सीटों का ये रहा हाल, रुपाणी, मेवाणी, ठाकोर समेत सबका देखिए रिपोर्ट कार्ड
गुजरात चुनाव में 22 सालों का सिलसिला जारी रखते हुए जनता ने एक बार फिर कमल का फूल खिलाया है। भारतीय जनता पार्टी पूर्ण बहूमत से गुजरात में सरकार बनाती दिख रही है। कांग्रेस ने इस बार के चुनाव में भाजपा को कड़ी टक्कर दी, लेकिन सरकार बनाने से चूक गई।
नई दिल्ली। गुजरात चुनाव में 22 सालों का सिलसिला जारी रखते हुए जनता ने एक बार फिर कमल का फूल खिलाया है। भारतीय जनता पार्टी पूर्ण बहूमत से गुजरात में सरकार बनाती दिख रही है। कांग्रेस ने इस बार के चुनाव में भाजपा को कड़ी टक्कर दी, लेकिन सरकार बनाने से चूक गई। इस बार चुनाव में कई बड़े चेहरे खड़े हुए थे जिनमें से कुछ के रिजल्ट ने लोगों को चौंकाया। जानिए इन बड़े चेहरों का क्या हाल रहा गुजरात में-
25 हजार वोटों से जीते मुख्यमंत्री रुपाणी
शुरुआती रुझान में गुजरात के मुख्यमंत्री विजर रूपाणी की स्थिति कमजोर लग रही थी। राजकोट पश्चिम की सीट से चुनाव लड़ रहे रुपाणी रुझानों में कभी आगे, तो कभी पीछे हो रहे थे। लेकिन अंत में वो 25,000 वोटों से विजय रहे। कांग्रेस के इंद्रनील राजगुरू ने रुपाणी को कड़ी टक्कर दी।
निर्दलीय लड़ने वाले मेवाणी भी जीते
प्रदेश में दलित आंदोलन का सबसे बड़ा चेहरा बनकर उभरे जिग्नेश मेवाणी भारी मतों से जीते। मेवाणी ने वडगाम सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा था। यहां उनके खिलाफ भाजपा ने चक्रवर्ती विजयकुमार हरखाभाई को उतारा था। मेवाणी ने हरखाभाई को 18,000 वोटों से हराकर ये सीट जीती।
पोरबंदर सीट का फैसला केवल 2 हजार वोटों से
गुजरात की पोरबंदर सीट का मुकाबला केवल 2000 वोटों से तय हुआ। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया इस सीट पर सिर्फ 2000 वोटों से पीछे रह गए और भाजपा के बाबूभाई बोखारिया जीत गए। बाबूभाई बोखारिया ने 2012 के विधानसभा चुनाव में अर्जुन मोढवाडिया को हराया था।
अल्पेश ने चुनाव से ठीक पहले ज्वाइन की थी कांग्रेस
ओबीसी एकता मंच के नेता अल्पेश ठाकोर ने कांग्रेस से चुनाव लड़ा था। अल्पेश ने पाटन जिले के राधनपुर सीट से चुनाव लड़ा है और जीते भी। उन्होंने शराब की लत से छुटकरा दिलाने के लिए गुजरात क्षत्रिय-ठाकोर सेना की स्थापना की थी। चुनाव से ठीक पहले उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया था।
भारी मतों से जीते सुरेश पटेल
गुजरात की मणिनगर सीट काफी महत्वपूर्ण है। साल 2012 में इसी सीट से नरेंद्र मोदी जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। इस बार भी ये सीट भाजपा को ही मिली है। सुरेश पटेल ने इस सीट से चुनाव लड़ा है और 80,000 वोटों से वो विजयी रहे हैं।
उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल का भविष्य अटका
गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल मेहसाणा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। यहां से कांग्रेस उम्मीदवार जीवा भाई अंबालाल से उन्हें कड़ी टक्कर मिल रही है। मेहसाणा को पाटीदार आंदोलन का गढ़ कहा जाता है। जनता इस सीट पर किसे विजयी बनाएगी, ये देखने लायक होगा।
प्रदेश अध्यक्ष वघानी चल रहे हैं आगे
भारतीय जनता पार्टी के गुजरात प्रदेश अध्यक्ष जीतू वघानी ने भावनगर पश्चिम से चुनाव लड़ा है। उन्होंने 2007 में पहली बार इस सीट से चुनाव लड़ा था लेकिन कांग्रेस के शक्ति सिंह गोहिल से हार गए थे। अभी वो इस सीट से भारी मतों से आगे चल रहे हैं।