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जेल में कैसे बीते डॉ. कफील खान के 8 महीने, सुनाई दर्दभरी आपबीती

कफील खान ने बताया कि वहां सिर्फ एक ही टॉयलेट था। सर्दियों में पानी पीना कम कर दिया था, क्योंकि रात में अगर टॉयलेट में जाना होता था तो लोगों को ऊपर चढ़कर जाना होता था।

By Vikashraj Tiwari
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नई दिल्ली। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन कांड के आरोपी डॉ. कफील खान हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद अपने घर लौट आए हैं। आठ माह बाद जेल से रिहा हुए डॉ.कफील खान ने अपने जेल के अनुभव को एक निजी न्यूज चैनल के साथ सांझा किया है। उन्होंने कहा कि हमारे बैरक को शाम को 6 बजे बंद कर देते थे। फिर सुबह तक उसी बैरक में रहना होता था। 12 घंटे उस बैरक में बिताने के बाद फिर आप थोड़ा बहुत इधर उधर टहल सकते हो। उन्होंने कहा कि हमारे बैरक की क्षमता 60 लोगों की थी लेकिन कभी- कभी उसमें 150 कभी 180 हो लोग हो जाते थे।

'खाने के टाइम सब दौड़ते थे'

'खाने के टाइम सब दौड़ते थे'

कफील खान ने बताया कि वहां सिर्फ एक ही टॉयलेट था। सर्दियों में पानी पीना कम कर दिया था, क्योंकि रात में अगर टॉयलेट में जाना होता था तो लोगों को ऊपर चढ़कर जाना होता था। जिस बैरक में मैं था वहां पेशेवर अपराधी थे। इसमें किसी ने हत्या की है तो किसी ने ना जाने क्या? दिन रात मच्छर रहते थे। गंदगी भी बहुत होती थी। खाने के टाइम सब दौड़ते थे। चाय दिन सिर्फ एक बार शाम को चार बजे मिलती थी। हालांकि मैंने वहां किताबें पढ़ी। मैंने कुरआन पढ़ा, रोज कुरआन पढ़ा। इंग्लिश में पढ़ा। इस धार्मिक किताब को समझा। जिंदगी के बारे में समझा। चूंकि कुछ भी किसी ना किसी कारण से होता है।

'मैं पूरी तरह निर्दोष हूं'

'मैं पूरी तरह निर्दोष हूं'

जेल से निकलने के बाद कफील काफी भावुक थे। आठ माह पूर्व जब वे जेल गए थे तो टोपी से चेहरे को ढंक कर जेल में दाखिल हुए थे। जेल से बाहर आने पर मीडिया से बातचीत में कफील ने कहा कि 'मैं पूरी तरह निर्दोष हूं। मैंने कोई लापरवाही नहीं की। जहां तक संभव हुआ बच्चों के लिए ऑक्सीजन की व्यवस्था कराई। जब से जेल गया मेरी मां बीमार है। पत्नी मासूम बेटी के साथ परेशान थी। जेल में मेरी तबीयत लगातार बिगड़ रही थी।'

असली दोषी कौन पर दिया ये जवाब

असली दोषी कौन पर दिया ये जवाब

यह पूछने पर कि असली दोषी कौन है? डॉक्टर ने कहा कि इस पर मैं लिखित बयान दे चुका हूं। जेल गेट के बाहर आते ही वह बेटी को गोद में लेकर चूमने लगे व पत्नी के गले मिले। समर्थकों ने भी गले मिल कर कफील को बधाई दी। वहां से कार में बैठ कर कफील घर के लिए रवाना हुए। डॉ. कफील के चलते अन्य कैदियों की रिहाई कुछ देर के लिए रोकनी पड़ गयी।

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English summary
Gorakhpur Oxygen Kand:experience in the jail was horrible says kafeel khan
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