गोवा के राज्यपाल बोले, 'गवर्नर का कोई काम नहीं होता, कश्मीर में जो गवर्नर होता है, वह अक्सर दारू पीता है, गोल्फ खेलता है'
नई दिल्ली। गोवा के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राज्यपाल की कामकाज को लेकर ऐसा बयान दिया है, जिसकी वजह से वह विवादों में घिर गए हैं। सत्यपाल मलिक ने उत्तर प्रदेश के बागपत में एक कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए कहा कि गवर्नर का कोई काम नहीं होता है। कश्मीर में तो जो गवर्नर होता है अक्सर वह दारू पीता है और वो गोल्फ खेलता है। बाकी जगह के गवर्नर होते हैं वह आराम से पड़े रहते हैं, किसी झगड़े में पड़ते नहीं है। अहम बात यह है कि सत्यपाल मलिक लंबे समय तक खुद जम्मू कश्मीर के राज्यपाल रह चुके हैं।
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30 लाख लेकर इम्तिहान कराते थे
सत्यपाल मलिक ने कहा, 'मुझे बिहार में भेजा, मैंने कोशिश की वहां शिक्षा में सुधार करने की, वहां ऐसे-ऐसे कॉलेज थे, 110 कॉलेज थे नेताओं के, जिनमे एक भी अध्यापक नहीं था। बीएड का दाखिला करते थे, 30 लाख रुपए लेते थे, इंम्तिहान करते थे, डिग्री दे देते थे, मैंने सारे खत्म कर दिया और एक सेंट्रलाइज्ड इम्तिहान कराया।' दरअसल सत्यपाल मलिक जम्मू कश्मीर में बतौर गवर्नर अपने किए गए काम का हवाला दे रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाना बहुत ही मुश्किल काम था, लेकिन केंद्र सरकार ने यह करके दिखाया।
पाक को पीओके से भी हाथ धोना पड़ सकता है
राज्यपाल मलिक ने कहा कि अब जम्मू कश्मीर के लोग खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। आर्टिकल 370 के खत्म होने के बाद से ही पाकिस्तान लगातार बौखलाया हुआ है। लेकिन अगर पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आया तो उसे पीओके से भी हाथ धोना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कश्मीर के नेताओं ने अपनी राजनीति को चमकाने के लिए जम्मू कश्मीर को देश से दूर रखा। गौरतलब है कि पिछले वर्ष अगस्त माह में जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को खत्म कर दिया गया था। जिसके बाद तमाम नेताओं को यहां नजरबंद कर दिया गया था। लंबे समय तक नजरबंद रहने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला को हाल ही में रिहा किया गया है।
फारुक अब्दुल्ला ने की अपील
रिहा होने के बाद फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि पिछले वर्ष अगस्त माह से बड़ी संख्या में जम्मू कश्मीर के बाहर की जेलों में यहां के लोग बंद हैं। यही नहीं फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि सैकड़ों कश्मीरी लोगों की तुलना में बहुत ज्यादा सौभाग्यशाली हूं। मुझे घर में नजरबंद किया गया, मेरा परिवार मुझसे मिल सकता था। कल जब मैं अपने बेटे उमर से मिलने के लिए गया तो मुझे अपने घर से एक किलोमीटर दूर जाना पड़ा ताकि मैं उसे देख सकूं। फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि इससे पहले कि राजनीति हमारे बीच बंटवारा कराए, मैं सभी नेताों से अपील करता हूं कि वह एकजुट हो और जम्मू कश्मीर के तमाम लोग जो नजरबंद हैं बाहर के प्रदेश में उन्हें आजाद किया जाए।
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बाकी लोगों को जल्द आजाद किया जाए
फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि हम चाहते हैं कि जल्द से जल्द जो लोग नजरबंद किए गए हैं उन्हें आजाद किया जाए। बाकी के लोगों को वापस जम्मू कश्मीर भेजा जाए। भारत सरकार से यह मानवीय आधार पर हमारी मांग है, मुझे उम्मीद है कि मेरी इस मांग को अन्य लोग भी समर्थन देंगे। इससे पहले रिहाई के बाद फारुक अब्दुल्ला ने कहा था कि रिहाई के बाद फारूक ने कहा कि प्रदेश और देश के वो उन सभी लोगों और नेताओं का वो शुक्रिया अदा करते हैं, जिन्होंने उनकी रिहाई के लिए आवाज उठाई। उन्होंने कहा कि अब वो फ्री हैं, अब मैं दिल्ली जा सकता हूं और संसद में आप सबकी आवाज उठा सकता हूं।
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