लालू के जेल जाते ही राजद में बड़ी फूट, तेजस्वी के कामकाज पर सवाल उठाते हुए आरजेडी महासचिव ने दिया इस्तीफा
आपको बता दें कि लालू यादव के जेल जाने के बाद से आरजेडी में टूट की खबरें आ रही है।
नई दिल्ली। लालू यादव की पार्टी आरजेडी में टूट की खबरों के बीच पार्टी महासचिव अशोक सिन्हा ने इस्तीफा दे दिया है। अशोक सिन्हा ने बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए इस्तीफा दिया है। अशोक सिन्हा ने कहा है कि वो तेजस्वी यादव के काम करने के तरीके से असंतुष्ट हैं। अशोक सिन्हा ने कहा कि वो तेजस्वी यादव के साथ काम कर के खुश नहीं है। आपको बता दें कि लालू यादव के जेल जाने के बाद से आरजेडी में टूट की खबरें आ रही है।
'तेजस्वी यादव पार्टी को वैसा नेतृत्व नहीं दे सकते जैसा की लालू यादव देते थे'
तेजस्वी यादव के नेतृत्व में चल रही राष्ट्रीय जनता दल पार्टी से अशोक सिन्हा ने नाराजगी जताते हुए कहा कि वह तेजस्वी यादव के साथ काम करके खुश नहीं थे। अशोक ने कहा 'आरजेडी आज के समय में अप्रासंगिक हो चुकी है। यहां अपना समय बर्बाद करने से अच्छा है की पार्टी छोड़ दी जाए। तेजस्वी यादव पार्टी को वैसा नेतृत्व नहीं दे सकते जैसा की लालू यादव देते थे'।
तेजस्वी यादव के सामने चुनौती
पिछले दिनों लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला मामले में सजा होने के बाद उनकी गैरमौजूदगी में आरजेडी की बागडोर उनके पुत्र और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को सौंप दी गई थी। इसके बाद से ही उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती पार्टी के आंतरिक कलह को खत्म करना माना जा रहा था लेकिन जनरल सेक्रटरी के इस्तीफे के साथ उन्हें पहला झटका मिला है। पार्टी के अंदरखाने में उपजी कलह को खत्म करने के साथ ही तेजस्वी के सामने बिहार में पार्टी के परंपरागत वोट को भी साथ बनाए रखने की भी चुनौती है।
रघुवंश प्रसाद ने किया था दावा
चारा घोटाला में लालू के जेल जाने के बाद विरोधियों ने यह कयास लगाने शुरू कर दिये थे कि राजद में टूट होगी या पार्टी में घमसान मचेगा हालांकि, तेजस्वी यादव के नेतृत्व में पार्टी के एकजुट होने का दावा कई नेताओं ने किया था। पिछले दिनों आरजेडी के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने दावा किया कि राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाह और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी लालू प्रसाद की पार्टी के साथ हाथ मिलाने की योजना बना रहे हैं। इसने बिहार के राजनीतिक गलियारों में आज हलचल पैदा कर दी है।आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह के उक्त दावे को हालांकि कुशवाह और मांझी सहित एनडीए के नेताओं ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि रघुवंश का 'अपनी पार्टी में कोई अधिकार नहीं' और 'आवश्यक्ता से अधिक बोलने की उन्हें आदत है।'
नागालैंड: बीजेपी-कांग्रेस समेत 11 दल नहीं लड़ेंगे विधानसभा चुनाव, बहिष्कार का फैसला