Ganesh Chaturthi 2022 : देशभर में गणपति बप्पा के स्वागत की तैयारियां, देखिए तस्वीरें
Ganesh Chaturthi 2022 को लेकर देशभर में उत्साह है। महाराष्ट्र, गुजरात और हरिद्वार जैसे शहरों में गणपति की उपासना की तैयारियां जोरों पर हैं। ganesh chaturthi 2022 preparations maharashtra gujarat haridwar
नई
दिल्ली,
30
अगस्त
:
अब
से
कुछ
ही
देर
के
बाद
महाराष्ट्र
समेत
पूरे
देश
में
'गणपति
बप्पा
मोरया...'
की
गूंज
सुनाई
देगी।
गणेश
चतुर्थी
के
मौके
पर
प्रथम
पूज्य
गजानन
की
पूजा-आराधना
कर
लोग
धूमधाम
से
ये
त्योहार
मनाते
हैं।
भगवान
गणेश
की
पूजा
से
कई
संकेत
जुड़े
हैं।
भगवान
गणेश
को
ज्ञान,
लेखन,
यात्रा,
वाणिज्य
और
सौभाग्य
का
प्रतीक
माना
जाता
है।
महाराष्ट्र,
भुवनेश्वर
और
हरिद्वार
जैसे
शहरों
में
गणपति
की
पूजा
की
तैयारियां
की
जा
रही
हैं।
देखिए
तस्वीरें-
10 दिवसीय गणेशोत्सव
31 अगस्त से शुरू होने वाले गणेशोत्सव को लेकर कई राज्यों में बहुत उत्साह है। दस दिवसीय गणेशोत्सव चतुर्थी तिथि से शुरू होता है और अनंत चतुर्दशी पर समाप्त होता है। भगवान गणेश के भक्त भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष के दौरान उनका जन्म मनाते हैं। COVID-19 के कारण प्रतिबंधों के 2 साल बाद 2022 में गणेश चतुर्थी उत्सव की वापसी का प्रतीक माना जा रहा है। गणेश चतुर्थी के मौके पर भक्त अपने घरों में भगवान गणेश की मूर्तियों को लाते हैं, उपवास करते हैं, लजीज व्यंजन तैयार करते हैं। भगवान से प्रार्थना करते हैं और इस त्योहार के दौरान अनुष्ठान भी किया जाता है।
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भावनाओं को ज्ञान से जीतें
विद्वानों का मानना है कि सभी देवों में प्रथमपूज्य गणपति के दो दांत ज्ञान और भावना का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनका दाहिना दांत ज्ञान का प्रतिनिधित्व करता है और बायां दांत भावना का प्रतिनिधित्व करता है। टूटा हुआ बायां दांत इस विचार को व्यक्त करता है कि पूर्णता प्राप्त करने के लिए भावनाओं को ज्ञान से जीतना चाहिए।
गणपति के स्वरूप की कहानी
गणपति की सवारी मूषक राज हैं। विद्वानों का मानना है कि गणपति की सवारी अहंकार को नियंत्रित करने की जरूरत का संकेत है। कहा जाता है कि जो अपने अहंकार को नियंत्रित करता है उसके पास गणेश की चेतना होती है। भगवान गणेश को गजराज का सिर लगाने के संबंध में कुछ कथाओं के मुताबिक कहा जाता है कि गणेश जी बिना सिर के पैदा हुए थे, जबकि कुछ अन्य कहते हैं कि एक उत्सव के दौरान शनि देव की नजर पड़ने के कारण गणेश जी का सिर जल गया था। हालांकि, भगवान ब्रह्मा ने गणेश को जीवनदान दिया और कहा कि अगर उनके सिर को किसी जानवर के सिर से बदल दिया जाए तो गणेश जीवित हो जाएंगे।
गणेश चतुर्थी 2022 : तस्वीरों में देखें हरिद्वार से भुवनेश्वर तक की तैयारियां-
उत्तराखंड के हरिद्वार में गणेश चतुर्थी
हरिद्वार में आगामी त्योहार से पहले भगवान गणेश की मिट्टी की मूर्तियों की तैयारियां जोरों पर हैं। अलग-अलग रंगों की इन मूर्तियों की लोगों द्वारा काफी मांग है
मध्य प्रदेश की राजधानी में इको फ्रेंडली गणपति
भोपाल में पर्यावरण को बचाने के लिए एक कारीगर साबूदाना और काली मिर्च के बीजों से गणेश प्रतिमाएं तैयार कर रहा हैं। गणपति बप्पा की प्रतिमा शत-प्रतिशत पर्यावरण के अनुकूल बनाई जा रहा है क्योंकि इसमें किसी रंग का इस्तेमाल नहीं किया गया है।
गुजरात के वडोदरा में गणपति बप्पा मोरया
वडोदरा में भी देश के दूसरे भागों की तरह कलाकार भगवान गणेश की मूर्तियों को अंतिम रूप दे रहे हैं। गणेशोत्सव से पहले तैयारियां अंतिम चरण में हैं। कलाकारों को पंडाल की थीम के हिसाब से ऑर्डर मिलते हैं। इस बार राम और शिव की थीम पर गणेश प्रतिमा तैयार की जा रही है।
मध्य प्रदेश के जबलपुर में गणेशोत्सव
जबलपुर में भी गणपति वंदना में जुटे कलाकार करीब-करीब मूर्तियों को अंतिम रूप दे चुके हैं। गणेश चतुर्थी के मद्देनजर डिमांड और कलाकारों की कल्पना के आधार पर प्रतिमाओं को चमकीले रंगों में रंगा जाता है।
गुजरात के सूरत में भी गणपति वंदना
गणेशोत्सव की तैयारियों में जुटे लोगों पर ANI की रिपोर्ट में दिखाया गया, 28 अगस्त की देर रात, सूरत में भगवान गणेश के भक्तों ने एक गणेश यात्रा का आयोजन किया। गणपति के भक्तों को बड़ी संख्या में उत्सव के लिए एकत्र हुए देखा गया।
जगन्नाथ की धरती पर गणपति... !
ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में गणेश चतुर्थी से पहले पंडाल की सजावट जोरों पर है। लोग दो साल बाद त्योहार मनाने के लिए उत्साहित हैं। भुवनेश्वर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (बीएमसी) ने अनुमति दे दी है। इस साल 'दर्शन' के लिए पंडालों में जाने पर कोई रोक नहीं होगी।
महाराष्ट्र में गणपति बप्पा मोरया...
गणेशोत्सव को लेकर महाराष्ट्र में विशेष उत्साह देखा जाता है। भिवंडी में ठाणे के धमनकर नाका इलाके में अयोध्या के राम मंदिर की 120 फीट ऊंची प्रतिकृति का निर्माण किया जा रहा है। इससे पहले, भारी भीड़ के बीच मुंबई में भगवान गणेश की चिंचपोकली चिंतामणि की मूर्ति का पहला रूप अनावरण किया गया था।
पूर्वोत्तर में भी प्रथमपूज्य गणपति की उपासना
गणेश चतुर्थी त्योहार से पहले असम के डिब्रूगढ़ में इको फ्रेंडली गणेशोत्सव की तैयारियां की गई हैं। भगवान गणेश की मिट्टी की मूर्तियों की तैयारियां जोरों पर हैं। मूर्तिकार गणपति की मूर्ति का ऑर्डर पूरा करने में जी जान से जुटे हुए हैं।