1.5 साल नहीं सिर्फ 15 दिनों में करेंगे ये काम, वायुसेना प्रमुख से नितिन गडकरी का बड़ा वादा
बाड़मेर, 9 सितंबर: भारतीय वायुसेना के विमानों के लिए देश की पहली इमरजेंसी लैंडिंग हवाई पट्टी का उद्घाटन गुरुवार को राजस्थान के बाड़मेर के पास किया गया है, जो कि नेशनल हाइवे पर बनाई गयई है। एनएच-925ए के सट्टा-गंधव खंड पर बनी इस इमरजेंसी हवाई पट्टी की शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सड़क परिवहन और राष्ट्रीय उच्च पथ मंत्री नितिन गडकरी ने की है। इस मौके पर गडकरी ने वायुसेना से वादा किया है कि भविष्य में उनका मंत्रालय सिर्फ 15 दिनों में ही ऐसी आपातकालीन हवाई पट्टी तैयार करके देगा।
19 महीने में हाइवे तैयार हुई इमरजेंसी हवाई पट्टी
राजस्थान के बाड़मेर के पास नेशनल हाइवे संख्या 925ए पर बनी हवाई पट्टी 19 महीनों में तैयार हुई है, जिसे भारतीय सेना अपने विमानों की इमरजेंसी लैंडिंग के लिए इस्तेमाल करेगी। लेकिन, इस दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने वायुसेना से जो वादा कर दिया है, वह बहुत ही बड़ा है, लेकिन इसमें उनके मंत्रालय के काम करने के तरीके का हौसला भी छिपा हुआ है। उन्होंने वायुसेना ने कहा है कि भविष्य में उनका मंत्रालय वायुसेना के लिए ऐसी इंमरजेंसी लैंडिंग एयर स्ट्रिप्स सालों में या महीनों में नहीं, बल्कि चंद दिनों में ही तैयार करके दे देगा।
वायुसेना के लिए सिर्फ 15 दिनों में बनाने का गडकरी का वादा
इस कार्यक्रम के उद्घाटन भाषण के दौरान, नितिन गडकरी ने कहा, 'कल जब माननीय भारतीय वायुसेना प्रमुख मेरे पास आए तो उन्होंने कहा कि इस लैंडिंग स्ट्रिप (बाड़मेर) को विकसित करने में 1.5 साल लग गए।' इसके बाद उन्होंने कहा कि 'तब मैंने इनसे कहा कि हम आपके लिए अच्छी क्वालिटी वाली लैंडिंग स्ट्रिप्स 1.5 साल की बजाए 15 दिनों के भीतर ही विकसित करेंगे।' गडकरी बोले कि 'जब भी कोई अलग तरह का आइडिया सामने आता है तो उसको लेकर कई आशंकाएं उभर आती हैं। लेकिन खुशी है कि रक्षा मंत्रालय और वायुसेना के सहयोग से यह 3 किलोमीटर लंबा रोड-कम-एयर स्ट्रिप सफलतापूर्व लॉन्च हो गया है।'
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न्यू इंडिया की नई ताकत- राजनाथ सिंह
बता दें कि गुरुवार को इंडियन एयर फोर्स के हरक्युलिस सी-130 जे विमान ने दोनों केंद्रीय मंत्रियों और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत को लेकर इस एयर स्ट्रिप पर मॉक इमरजेंसी लैंडिग की है। रक्षा मंत्री ने इस सफलता को 'न्यू इंडिया की नई ताकत' बताया है। उन्होंने कहा है, 'लैंडिंग स्ट्रिप से पश्चिमी सीमा के पास बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर और ठोस बनेगा और राष्ट्रीय सुरक्षा भी मजबूत होगी।' उन्होंने कहा है कि यह इमरजेंसी लैंडिंग स्ट्रिप सिर्फ युद्ध के दौरान ही काम नहीं आएगी, बल्कि प्राकृतिक आपदाओं के वक्त भी मददगार साबित होगी।
वैकल्पिक मिलिट्री एयरबेस की तरह आ सकता है काम
हरक्युलिस सी-130 जे विमान के अलावा इस हवाई पट्टी पर एक मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और वायुसेना का एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर ने भी लैंड किया है। इस तरह से यह पता चल गया है कि किस तरह से यह इमरजेंसी लैंडिंग एयर स्ट्रिप वैकल्पिक मिलिट्री एयरबेस के लिए पूरी तरह से तैयार है।
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विभिन्न एजेंसियों में तालमेल का बड़ा उदाहरण- रक्षा मंत्री
रक्षा मंत्री ने कोविड-19 की पाबंदियों के बावजूद इस प्रोजेक्ट की कामयाबी के लिए भारतीय वायुसेना, नेशनल हाइवे अथॉरिटी समेत इसके निर्माण में लगे प्राइवेट सेक्टर को भी 19 महीने में इमरजेंसी लैंडिंग फिल्ड तैयार करने के लिए बधाई दी है। उन्होंने कहा कि 'कई विभागों और मंत्रालयों के साथ सरकार और प्राइवेट सेक्टर के बीच तालमेल का यह एक बड़ा उदाहरण है।'