80 वर्ष की उम्र में पूर्व सांसद ने दी पीएचडी की परीक्षा
नई दिल्ली। जिस उम्र में नेता अपना राजनीति कैरियर खत्म करने के बाद आराम करते हैं उस उम्र में पूर्व सांसद और विधायक नारायण साहू ने बिल्कुल अलग ही रास्ता चुना है। 81 वर्ष की उम्र में नारायण साहू पीएचडी की परीक्षा दे रहे हैं। अपने इस कदम से नारायण साहू ने साफ कर दिया है कि पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती है और यह किसी भी उम्र में की जा सकती है। नारायण साहू दो बार विधायक और एक बार सांसद रह चुके हैं। उन्होंने 80 वर्ष की आयु में पढ़ाई करने का फैसला लिया और हॉस्टल में रहने लगे थे।
हॉस्टल में रहते हैं
नारायण साहू ने उत्कल यूनिवर्सिटी से पीएचडी की पढ़ाई के लिए आवेदन किया और कॉलेज के ही हॉस्टल में रहने लगे थे गौर करने वाली बात यह है कि साहू ने 73 वर्ष की आयु में पीजी की पढ़ाई 2011 में की थी और उसके बाद 2012-13 में उन्होंने एमफिल की पढ़ाई की थी। वर्ष 2016 में उन्होंने पीएचडी की पढ़ाई शुरू कर दी थी और वह एक आत्मकथा भी लिख रहे हैं।
फिर से पढ़ाई करने का लिया फैसला
कॉलेज के जिस हॉस्टल में साहू रहते हैं उसमे उनके पास एक छोटा सा बेड, मच्छरदानी, टेबल, जिसपर काफी किताबें हैं और परिवार के सदस्यों की तस्वीर लगी है। आपको बता दें कि साहू ओडिशा के देवगढ़ से 1980 में सांसद रह चुके हैं और पल्हारा से दो बार विधायक रह चुके हैं। उन्होंने राजनीति छोड़ने के बाद एक बार फिर से पढ़ाई करने का फैसला लिया था। साहू कहते हैं कि शुरुआत में मुझे राजनीति अच्छी लगती थी। लेकिन जब मैंने राजनीति में काफी गलत होते हुए देखा तो मैं काफी व्यथित था, मैंने राजनीति छोड़ दी, मैंने खुद को पढ़ाई के जरिए सही करने की कोशिश की।
राजनीति से खिन्न
नारायण साहू कहते हैं कि राजनीति में कोई नियम और अनुशासन नहीं है, लिहाजा मैंने राजनीति छोड़ने का फैसला लिया। जब विश्वविद्यालय में मेरा दाखिला हुआ तो वह मेरे जीवन का सबसे अच्छा दिन था। वर्ष 1963 में साहू ने अर्थशास्त्र से रावेशॉ विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई की थी। 46 वर्ष की उम्र में उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई को जारी रखने का फैसला लिया। 2009 में उन्होंने उत्कल विश्वविद्यालय से पीजी की पढ़ाई करना शुरू कर दिया और 2011 में इसे पूरा किया। वर्ष 2012 में उन्होंने दर्शनशास्त्र विषय से एमफिल की पढ़ाई की थी।