इशरत जहां केस: गृह मंत्रालय से गायब फाइलों के मामले में FIR दर्ज, जांच शुरू
नई दिल्ली। गृह मंत्रालय से इशरत जहां एनकाउंटर केस की गुम हुई पांच फाइलों के मामले की जांच दिल्ली पुलिस ने शुरू कर दी है।
गृह मंत्रालय की शिकायत पर संसद मार्ग थाने में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ इशरत जहां से जुड़ी फाइलों को गायब करने का केस दर्ज किया गया है।
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अंडर सेक्रेटरी ने दर्ज कराई शिकायत
गृह मंत्रालय के अंडर सेक्रेटरी वीके उपाध्याय ने इशरत जहां एनकाउंटर केस से जुड़ी फाइलों के गायब होने की शिकायत दिल्ली पुलिस कमिश्नर से की थी। इस मामले में संसद मार्ग थाने में दिल्ली पुलिस ने आईपीसी की धारा 409 के तहत अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
गायब हुई ये पांच फाइलें
- 18 सितंबर 2009 को अटॉर्नी जनरल को लिखे गए होम सेक्रेटरी का पत्र
- 18 सितंबर 2009 को अटॉर्नी जनरल को लिखे गए होम सेक्रेटरी की दूसरी चिट्ठी
- अटॉर्नी जनरल द्वारा सत्यापित एफिडेविट का ड्राफ्ट
- 24 सितंबर 2009 को होम मिनस्टर द्वारा संशोधित एफिडेविट का ड्राफ्ट
- 29 सितंबर 2009 को गुजरात हाई कोर्ट में दायर एफिडिविट की कॉपी
गृह मंत्रालय की इंटरनल एंक्वायरी
होम मिनस्टरी से गायब फाइलों के मामले में इंटरनल एंक्वायरी हुई है जिसकी रिपोर्ट में यह कहा गया है कि ये फाइलें यूपीए सरकार के कार्यकाल में गायब हुई थीं। तब गृह मंत्री पी चिदंबरम थे।
पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम पर आरोप
इस मामले में पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम पर एनआईए का दुरुपयोग करने के आरोप लग रहे हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने उस एफिडेविट को जबरन बदलवाया जिसमें एनआईए ने इशरत के लश्कर से जुड़े होने की बात कही थी।
कांग्रेस और भाजपा के बीच बढ़ सकती है तनातनी
फाइलों के गायब होने का मामला यूपीए सरकार के पिछले कार्यकाल से जुड़ा है। इसलिए पुलिस इस केस की छानबीन के दौरान उस समय के गृह मंत्रालय के अधिकारियों से पूछताछ करेगी। इससे कांग्रेस और भाजपा के बीच तनातनी की संभावना है।
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