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मात्र 500 रुपये में लीक होती हैं आधार की डीटेल- रिपोर्ट करने वाले पत्रकार और अखबार पर FIR

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https://hindi.oneindia.com/news/india/fir-against-tribune-reporter-over-aadhaar-data-breach-story-439502.html

नई दिल्ली। 'आधार नंबर' बिकता है ..जैसी खबर प्रकाशित करना 'द ट्रिब्‍यून' अखबार और उसकी रिपोर्टर रचना खैरा को भारी पड़ गया है क्योंकि विशिष्‍ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है, इस एफआईआर में अनिल कुमार, सुनील कुमार और राज के भी नाम शामिल हैं क्योंकि रचना ने अपनी रिपोर्टिंग के दौरान इन्हीं से संपर्क किया था। आपको बता दें कि रचना खैरा ( द ट्रिब्‍यून) ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि कुछ लोग पैसे लेकर आधार नंबर बेच रहे हैं, उनकी रिपोर्ट में एक अज्ञात व्‍यक्ति द्वारा केवल 500 रु के बदले व्‍हॉट्सएप पर आधार नंबर मुहैया कराने का दावा किया गया था, यही नहीं जब उस अज्ञात व्यक्ति को 300 रुपये और दिए गए तो उसने ऐसा सॉफ्टवेयर दिया, जिसके जरिये किसी भी व्‍यक्ति के आधार को प्रिंट किया जा सकता था।

यूआईडीएआई ने कहा था...

यूआईडीएआई ने कहा था...

इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद ही काफी हड़कंप मच गया था, यूआईडीएआई ने तुरंत इस मामले की जांच कराने की बात कही थी तो दूसरी ओर विपक्ष को मौका मिल गया था, सरकार के ऊपर निशाना साधने का, इस मामले की जानकारी ज्‍वाइंट कमिश्‍नर ऑफ पुलिस (क्राइम ब्रांच) आलोक कुमार ने मीडिया को दी, उन्होंने कहा कि रचना खैरा और अखबार के खिलाफ साइबर सेल में आईपीसी की विभिन्‍न धाराओं (419, 420, 468 और 471) के तहत मामला दर्ज कराया गया है।

प्रधान संपादक हरीश खरे ने बोलने से मना किया

प्रधान संपादक हरीश खरे ने बोलने से मना किया

हालांकि अखबार 'द ट्रिब्‍यून' के प्रधान संपादक हरीश खरे ने इस मामले पर कुछ भी बोलने से मना कर दिया है। यूआईडीएआई के शिकायत निवारण विभाग के बीएम पटनायक ने मामला दर्ज कराया है, उनकी शिकायत में कहा गया है कि इन लोगों ने जानबूझकर आपराधिक षडयंत्र के तहत अनाधिकृत तरीके से आधार सिस्‍टम में घुसपैठ की है, जो कि कानून का उल्लंघन है इसलिए इन्हें सजा मिलनी ही चाहिए।

ये थी ट्रिब्यून की रिपोर्ट

ये थी ट्रिब्यून की रिपोर्ट

बता दें कि ट्रिब्यून ने एक ऐसे एजेंट के बारे में पता लगाया था जो सिर्फ 500 रुपये में करोड़ों लोगों के आधार की जानकारी दे रहा है। द ट्रिब्यून ने एक गुमनाम विक्रेता से व्हाट्सऐप के जरिये ऐसी सर्विस खरीदी जिससे उसे देश के 100 करोड़ से अधिक आधार संख्याओं के बारे में जानकारी मिली।

केवल 500 रुपये दिए

केवल 500 रुपये दिए

ट्रिब्यून की टीम ने इसके लिए केवल 500 रुपये दिए। ये पैसे एजेंट को पेटीएम के जरिये दिए गए और 10 मिनट के अंदर ही उन्हें लॉग-इन-पास्वर्ड के लिए गेटवे दे दिया गया। पोर्टल में किसी भी आधार नंबर डालकर उसके बारे में सारी जानकारी निकाली जा सकती थी। दूसरी चौंकाने वाली बात ये है कि इन आधार कार्ड की जानकारी प्रिंट करवाने का भी एक्सेस एजेंट ने दिया। प्रिंट करवाने के लिए ट्रिब्यून को कवल 300 रुपये देने पड़े। यानि 800 रुपये में देश के करोड़ों लोगों के आधार की जानकारी लीक की जा रही है। आधार में व्यक्ति का नाम, पता, फोटो, फोन नंबर, पिन कोड और ईमेल की जानकारी होती है।

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English summary
A deputy director of the (UIDAI) has registered an FIR against The Tribune newspaper and its reporter Rachna Khaira following her report on how anonymous sellers over WhatsApp were allegedly providing access to Aadhaar numbers for a fee.
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