#TrudeauInIndia: आखिरकार पंजाब के CM कैप्टन अमरिंदर सिंह से मिलने को राजी हुए कनैडियन पीएम ट्रड्यू
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रड्यू इस समय भारत की यात्रा पर आए हुए हैं। यहां पर आते ही कनैडियन पीएम के साथ उस समय नया विवाद जुड़ गया जब उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से मिलने से मना कर दिया। लेकिन अब पीएम ट्रड्यू ने सीएम अमरिंदर से मिलने का ऐलान किया है।
नई दिल्ली। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रड्यू इस समय भारत की यात्रा पर आए हुए हैं। यहां पर आते ही कनैडियन पीएम के साथ उस समय नया विवाद जुड़ गया जब उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से मिलने से मना कर दिया। लेकिन अब पीएम ट्रड्यू ने सीएम अमरिंदर से मिलने का ऐलान किया है। दोनों की मुलाकात अब बुधवार को अमृतसर में होगी। कैप्टन अमरिंदर सिंह की ओर से इस बाबत एक ट्वीट किया गया और उन्होंने सारे विवादों पर पूर्णविराम लगा दिया। आपको बता दें कि कनाडा में जस्टिन ट्रड्यू को 'जस्टिन सिंह' के नाम से भी जानते हैं। यह नाम उन्हें कनाडा में बसे सिख समुदाय के बीच उनकी आसान पहुंच की वजह से दिया गया है।
सीएम ने दी जानकारी
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया और लिखा, 'कनैडियन पीएम जस्टिन ट्रड्यू से मीटिंग का इंतजार कर रहा हूं जो बुधवार का अमृतसर में होंगे।' उन्होंने आगे उम्मीद जताई कि इस मुलाकात से भारत-कनाडा के बीच बिजनेस को बढ़ाने में मदद मिलेगी। साथ ही दोनों देशों के नागरिकों के रिश्ते और मजबूत हो सकेंगे। सरकार से जुड़े सूत्रों की मानें तो मुलाकात का एजेंडा 'ओपेन एंडेड' रहेगा। सरकार की ओर से दी गई जानकारी की मानें तो कनाडा के प्रधानमंत्री भारतीय पक्ष की तरफ से उठाई गई चिंताओं और संवेदनशीलता को समझेंगे। शुक्रवार को जस्टिन ट्रड्यू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे। दोनों के बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी जिस में कई मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना होगी।
पहले नहीं था मिलने का प्लान
कनैडियन उच्चायोग शुरुआत में पीएम ट्रड्यू और सीएम अमरिंदर सिंह की मुलाकात को लेकर हिचक रहा था। ट्रड्यू की ओर से भी अमरिंदर से न मिलने की इच्छा जाहिर की गई थी। लेकिन जब वह शनिवार को दिल्ली पहुंचे तो उन्होंने इस मीटिंग के बारे में चर्चा की और उच्चायोग को जानकारी दी। विदेश मंत्रालय की ओर से इसके बाद सोमवार को पंजाब सरकार के पास ट्रड्यू के पंजाब दौरे का पूरा कार्यक्रम भेजा गया और इसमें दोनों नेताओं के बीच मुलाकात के बारे में भी जानकारी थी जो कि 21 फरवरी को होनी है। दोनों नेता करीब 20 मिनट तक मुलाकात करेंगे। कैप्टन अमरिंदर सिंह और पीएम जस्टिन ट्रड्यू की मुलाकात ताज स्वर्ण होटल में होगी। बुधवार को पीएम जस्टिन ट्रड्यू पहले स्वर्ण मंदिर जाएंगे और इसके बाद दोपहर 12:40 मिनट पर दोनों नेताओं की मुलाकात होगी। ट्रड्यू इसके बाद भारत-पाकिस्तान के बंटवारे पर आधारित एक संग्रहालय भी जाएंगे और फिर 1:15 मिनट पर दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे।
अमरिंदर ने लगाए हैं गंभीर आरोप
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पीएम जस्टिन ट्रड्यू की कैबिनेट में शामिल दो मंत्रियों डिफेंस मिनिस्टर हरजीत सिंह सज्जन और इंफ्रस्ट्रक्चर मिनिस्टर अमरजीत सोही पर खालिस्तानी आतंकियों के साथ जुड़े होने का आरोप लगाया था। पिछले वर्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कनाडा के डिफेंस मिनिस्टर हरजीत सिंह सज्जन से मिलने से साफ इनकार कर दिया था। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आउटलुक मैगजीन को दिए इंटरव्यू में कहा था कि उनके पास अपनी बात को साबित करने के सारे सुबूत हैं। वहीं कैप्टन के इस आरोप को सज्जन ने पूरी तरह से खारिज कर दिया था। सात फरवरी को सज्जन की ओर से कहा गया था कि आरोप काफी आक्रामक हैं और बिल्कुल ही बकवास हैं। सज्जन ने बताया कि पीएम मोदी और पीएम ट्रड्यू की जब मुलाकात हुई थी तो कनैडियन पीएम ने साफ कर दिया था कि उनकी पार्टी और सरकार एक संगठित भारत का समर्थन करते हैं। लेकिन उनका देश हर किसी को अभिव्यक्ति की आजादी देता है जो किसी भी तरह से कानून के खिलाफ नहीं है। लेकिन भारत सरकार ने ट्रड्यू और उनकी सरकार की ओर से पिछले एक वर्षों में उठाए गए कदमों पर खासी चिंता जताई है। पीएम मोदी ने खालिस्तान और इसे कनाडा में मिल रहे समर्थन को लेकर अपनी चिंताएं ट्रड्यू के सामने रखी थीं तो वहीं सूत्रों का मानना है कि अब इस संदेश को पंजाब के नेतृत्व की ओर से दिया जाना काफी जरूरी है।
फीके स्वागत का मुद्दा गर्माया
दूसरी ओर कनाडा के पीएम के भारत आने पर उनके फीके स्वागत की भी चर्चाएं कनाडा तक में हो रही हैं। उनके भारत आने पर न तो पीएम मोदी की ओर से कोई वेलकम ट्वीट अभी तक किया गया और न ही उन्हें एयरपोर्ट पर वैसा वेलकम मिला जैसा बाकी राष्ट्राध्यक्षों को अभी तक मिला है। ब्रिटिश मीडिया की मानें तो कई वर्षों में शायद यह पहला मौका है जब भारत में किसी राष्ट्राध्यक्ष का इतना ठंडा वेलकम हुआ है।कनाडा की मीडिया ने भी अब इस सवाल को उठाया है कि आखिर क्यों इस तरह से पीएम मोदी ने ट्रड्यू को नजरअंदाज किया। विशेषज्ञों की मानें तो ट्रड्यू के इस दौरे का मकसद भारत और कनाडा के संबंधों को ऐसे समय में नए मुकाम पर पहुंचाना है जब भारतीय अधिकारियों की ओर से कनाडा पर सिख अलगाववादियों के साथ नरमी बरतने के आरोप लगते हों। कनाडा पर ये आरोप भी हैं कि वह इन अलगाववादियों के पंजाब को एक अलग देश घोषित करने की मांग को भी समर्थन दे रहा है।
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