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पाकिस्तान को लेकर समझा रहे हैं या धमका रहे हैं फारूक अब्दुल्ला ? जानिए क्या बोले

नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने एक बार फिर से पाकिस्तान के साथ रिश्ते बेहतर करने के लिए बातचीत शुरू करने को कहा है। उन्होंने कहा कि इसके चलते मुसलमान भुगत रहे हैं।

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जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने एक बार फिर से भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत पर जोर दिया है। मंगलवार को दिल्ली में एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि भारत में तबतक शांति नहीं कायम होगी, जबतक पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से इसका संबंध बेहतर नहीं होगा। उन्होंने यह भी कहा है कि इसके चलते भारत में मुसलमानों को सबसे ज्यादा भुगतना पड़ता है। अब्दुल्ला के मुताबिक इस समस्या ने भारत के मुसलमानों की बड़ी आबादी को तबाह कर दिया है।

फारूक अब्दुल्ला ने की पाकिस्तान से बाचतीज की पैरवी
नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने एक बार फिर पाकिस्तान पर अपना पुराना राग अलापा है। उनका मानना है कि अगर भारत पाकिस्तान के साथ अपना ताल्लुकात बेहतर नहीं करेगा, यहां शांति रह ही नहीं सकती। इसके साथ ही अब्दुल्ला ने भारत के मुसलमानों के बारे में भी कहा है कि पाकिस्तान के साथ तनाव की वजह से ही उसे भुगतना पड़ रहा है।

पाकिस्तान से बेहतर रिश्ते के बाद ही भारत में शांति आएगी- फारूक अब्दुल्ला
फारूक अब्दुल्ला ने कहा, 'जबतक पाकिस्तान के साथ हमारा रिश्ता बेहतर नहीं होता, हम भारत में शांति नहीं देख पाएंगे.....हम कभी भी मुसलमानों को आगे बढ़ते नहीं देखेंगे, क्योंकि मुसलमानों को देशद्रोही माना जाता है। हम देशद्रोही नहीं हैं, हम भारतीय हैं, किसी और की तरह ही अच्छे हैं और कई बार तो उनसे भी बहुत बेहतर। लेकिन, इन दोनों पड़ोसियों के बीच के तनाव ने वास्तव में बड़ी संख्या में मुसलमानों को तबाह कर दिया है।'

पाकिस्तान से बातचीत के लिए जी20 की अध्यक्षता का भी दिया था हवाला
ऐसा नहीं है कि फारूक अब्दुल्ला ने पहली बार भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने के लिए बातचीत का रास्ता अपनाने को कहा है। पिछले महीने नेशनल कांफ्रेंस चीफ ने कहा था कि भारत जी20 की अध्यक्षता को कश्मीर समस्या सुलझाने के लिए पाकिस्तान को साथ लाने के लिए इस्तेमाल कर सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी कभी भी पाकिस्तान के पक्ष में खड़ी नहीं हुई है और हमेशा भारत के साथ चट्टान बनकर खड़ी रही है।

'कबतक हमें दुश्मनी और शत्रुता की स्थिति में रहना पड़ेगा ?'
फारूक ने पहले कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच की लड़ाई में जम्मू और कश्मीर के लोग पिस रहे हैं और हैरानी जताई थी कि कबतक दोनों देश 'दुश्मनी' निभाएंगे। उन्होंने कहा था, 'कबतक हमें दुश्मनी और शत्रुता की स्थिति में रहना पड़ेगा ? शांति का दूसरा कोई विकल्प नहीं है और भारत और पाकिस्तान दोनों को समझना होगा कि जंग से राजनीतिक मसलों को नहीं सुलझाया जा सकता।'

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उनका कहना है कि दोनों देशों को राजनीतिक मसलों को सार्थक और विश्वसनीय राजनीतिक प्रक्रिया के जरिए आपस में सुलझाना चाहिए। सवाल है कि फारूक अब्दुल्ला या बाकी कश्मीरी नेता अपने देश के नेतृत्व से जिस बात की उम्मीद कर रहे हैं, उसके प्रयास तो कई बार विफल हो चुके हैं। पाकिस्तान ने हर शांति प्रक्रिया का जवाब धोखे या किसी और आतंकी वारदातों को अंजाम देकर दिया है। अब्दुल्ला जैसे नेताओं को एक बात और समझनी होगी कि पाकिस्तान में कम से कम भारत के मामले में राजनीतिक नेता का नहीं, वहां के सेना के जनरलों का रोल अहम रहा है। और यही वजह है, बातचीत से आपसी रिश्तों को सुलझाया जा सकता है ? यह बहुत बड़ा सवाल बना रहा है।

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English summary
Farooq Abdullah has said that there will never be peace in India until the relations with Pakistan improve. He has said that because of this tension the Muslims are suffering
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