चार्जशीट में दावा- लाल किले पर कब्जा कर नया प्रदर्शन स्थल बनाना चाहते थे किसान, कई ट्रैक्टर भी खरीदे
नई दिल्ली, 27 मई: पिछले 6 महीनों से नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों का आंदोलन जारी है। इसी बीच गणतंत्र दिवस के मौके पर बड़ी संख्या में किसान लाल किले पहुंचे और वहां पर जमकर हिंसा भी की। जिसकी जांच दिल्ली पुलिस कर रही है। साथ ही इस मामले में कोर्ट में 3232 पेज की चार्जशीट भी फाइल कर दी गई, जिसमें कई नए दावे किए गए हैं। साथ ही किसानों नेताओं के उस बयान को भी खारिज कर दिया गया, जिसमें उन्होंने कहा था कि हिंसा सुनियोजित नहीं थी।
मामले में न्यूज एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से चार्जशीट से जुड़ी कई जानकारियां दी हैं। दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में बताया कि योजना के अनुसार गणतंत्र दिवस पर किसान बड़ी संख्या में लाल किले में दाखिल हुए और घंटों परिसर में रहे। उस दौरान किसानों का मकसद लाल किले पर कब्जा करने का था, ताकी वो उसे नया विरोध स्थल बनाकर दुनियाभर में मोदी सरकार को बदनाम कर सकें।
चार्जशीट में आगे कहा गया कि किसान संगठनों ने ये हिंसा अचानक नहीं की, इसके लिए नवंबर-दिसंबर से योजना बनाई जा रही थी। 26 जनवरी का दिन इसलिए भी चुना गया, ताकी दुनियाभर की नजर भारत पर रहे और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सरकार को शर्मिंदगी झेलनी पड़े। साथ ही हरियाणा और पंजाब में बड़ी संख्या में ट्रैक्टर भी खरीदे गए। इस संबंध में जो डेटा पुलिस को मिला था, वो चार्जशीट में अटैच किया गया है।
किसान आंदोलन: फ़ोन की घंटी के इंतज़ार में बीते चार माह, नए कृषि क़ानूनों का भविष्य क्या है?
काफी
ज्यादा
बढ़ी
खरीद
दिल्ली
पुलिस
ने
ट्रैक्टर
एंड
मैकेनाइजेशन
एसोसिएशन
से
पंजाब
और
हरियाणा
में
ट्रैक्टर
खरीद
का
आंकड़ा
मांगा
था।
जिससे
पता
चला
कि
नवंबर
2019
के
मुकाबले,
नवंबर
2020
में
पंजाब
में
ट्रैक्टरों
की
खरीद
43.53
प्रतिशत
बढ़
गई
थी।
इसी
तरह
जनवरी
में
85.13
प्रतिशत
का
इजाफा
हुआ।
वहीं
हरियाणा
के
डेटा
की
जांच
में
पता
चला
कि
वहां
नवंबर
2020
में
ट्रैक्टरों
की
खरीद
31.81%
और
दिसंबर
में
50.32%
बढ़
गई
थी।