लाल किले पर जो हुआ उसपर किसी भारतीय को गर्व नहीं हो सकता: CM अमरिंदर
नई दिल्ली। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को कहा कि मेरी सहानुभूति पूरी तरह से किसानों के साथ है। नये कृषि कानून के खिलाफ जारी आंदोलन पर अपनी बात रखते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों की समस्या का समाधान बातचीत के जरिए निकालने पर जोर दिया है। कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि गणतंत्र दिवस पर लाल किले में जो हुआ उस पर किसी भी भारतीय को गर्व नहीं हो सकता।
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लाल किला हमारी स्वतंत्रता और लोकतंत्र का प्रतीक है। यह एक दुखद दिन था जब मैंने हिंसा होते देखा। कैप्टन ने आगे कहा कि मैं नहीं मानता कि किसान हिंसा में शामिल थे। जांच अधिकारी मामले की जांच करे और हिंसा में कौन शामिल है, उसकी पहचान करे। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि आंदोलन को बदनाम कर दिया गया है। पूरी दुनिया किसानों का समर्थन कर रही थी। लेकिन जिस क्षण हिंसा हुई उस समय आंदोलन ने अपना उत्साह खो दिया था।
किसानों की 12 बैठकें हो चुकी हैं। लेकिन कोई हल नहीं निकला है। अगर मैं बैठक की अध्यक्षता कर रहा होता तो मैं पहले दिन इसे समाप्त कर देता। लंबे समय तक गतिरोध के बने रहने का क्या कारण है। कैप्टन ने आगे कहा कि सरकार को किसानों के साथ संपर्क बनाए रखना चाहिए। किसानों को भी बैठकों में जाना चाहिए। इस मुद्दे को हल किए बिना ऐसे जारी नहीं रखा जा सकता है।
कांग्रेस और पंजाब सरकार पर लगाये गये आरोपों पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने साथ ही कहा कि लाल किले पर निशान साहिब लहराते समय कैमरे में कैद चेहरे कांग्रेस के नहीं, बल्कि भाजपा और आप कार्यकर्ता और समर्थकों के हैं। उन्होंने कहा कि यहां तक कि 26 जनवरी को इस घटना के लिए किसान भी जिम्मेदार नहीं हैं और बिना शक समाज विरोधी तत्वों द्वारा इस घटना को अंजाम दिया गया, जिन्होंने ट्रैक्टर रैली में घुसपैठ कर ली थी।
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