सरदार वल्लभ भाई पटेल की 71वीं पुण्यतिथि आज: पढ़िए उनके 10 अनमोल विचार, मोदी ने किया याद
नई दिल्ली। भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री और गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की आज 71वीं पुण्यतिथि है। सरदार पटेल को लौहपुरुष भी कहा जाता था। उनका जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के खेड़ा में हुआ था। 1950 में 15 दिसंबर के दिन उन्होंने मुंबई में आखिरी सांस ली। वह पेशे से एक भी वकील थे। देश की आजादी में उनका बड़ा योगदान रहा। उससे भी कहीं ज्यादा योगदान उन्होंने आजाद भारत को एक करने में दिया। जब देश आजाद हुआ, तब देश में छोटी-बड़ी 562 रियासतें थीं। जिनमें से कई रियासतों ने तो आजाद रहने का ही फैसला कर लिया था, लेकिन सरदार पटेल ने इन सबको देश में मिलाया।
सरदार पटेल की 71वीं पुण्यतिथि, सुविचार-
सरदार पटेल के अनमोल विचार आज भी लोगों को प्रेरित करते हैं। उन्हीं को ध्यान में रखकर भारत में राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता है। यहां उनकी पुण्यतिथि के मौके पर पढ़ें सरदार वल्लभ भाई पटेल के अनमोल विचार-
1- सरदार पटेल कहते थे, "शक्ति के अभाव में विश्वास व्यर्थ है। विश्वास और शक्ति, दोनों किसी महान काम को करने के लिए आवश्यक हैं।"
2- उन्होंने कहा था, "आपकी अच्छाई आपके मार्ग में बाधक है, इसलिए अपनी आँखों को क्रोध से लाल होने दीजिए, और अन्याय का सामना मजबूत हाथों से कीजिए।"
3- उन्होंने भारत को एकसूत्र में बांधा। वह देश का मां का दर्जा देते थे। इसलिए उन्होंने कहा था, "इस मिट्टी में कुछ अनूठा है, जो कई बाधाओं के बावजूद हमेशा महान आत्माओं का निवास रहा है।"
4- सरदार पटेल ने एक बार बच्चों को लेकर कहा, "ऐसे बच्चे जो मुझे अपना साथ दे सकते हैं, उनके साथ अक्सर मैं हंसी-मजाक करता हूँ। जब तक एक इंसान अपने अन्दर के बच्चे को बचाए रख सकता है तभी तक जीवन उस अंधकारमयी छाया से दूर रह सकता है जो इंसान के माथे पर चिंता की रेखाएं छोड़ जाती है।"
5- पटेल का कहना था, "मनुष्य को ठंडा रहना चाहिए, क्रोध नहीं करना चाहिए। लोहा भले ही गर्म हो जाए, हथौड़े को तो ठंडा ही रहना चाहिए अन्यथा वह स्वयं अपना हत्था जला डालेगा। कोई भी राज्य प्रजा पर कितना ही गर्म क्यों न हो जाये, अंत में तो उसे ठंडा होना ही पड़ेगा।"
6- पटेल ने कहा था, "यहाँ तक कि यदि हम हज़ारों की दौलत गवां दें, और हमारा जीवन बलिदान हो जाए, तब भी हमें मुस्कुराते रहना चाहिए और ईश्वर एवं सत्य में विश्वास रखकर प्रसन्न रहना चाहिए।"
7- सरदार पटेल कहते थे, "जीवन की डोर तो ईश्वर के हाथ में है, इसलिए चिंता की कोई बात हो ही नहीं सकती।"
8- पटेल कहते थे, "एकता के बिना जनशक्ति शक्ति नहीं है, जब तक उसे ठीक तरह से सामंजस्य में ना लाया जाए और एकजुट ना किया जाए, और तब यह आध्यात्मिक शक्ति बन जाती है।"
9- उन्होंने कहा था, "काम करने में तो मजा ही तब आता है, जब उसमे मुसीबत होती है मुसीबत में काम करना बहादुरों का काम है मर्दों का काम है कायर तो मुसीबतों से डरते हैं लेकिन हम कायर नहीं हैं, हमें मुसीबतों से डरना नहीं चाहिये।"
10- पटेल ने कहा था, "यह हर एक नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह यह अनुभव करे की उसका देश स्वतंत्र है और उसकी स्वतंत्रता की रक्षा करना उसका कर्तव्य है। हर एक भारतीय को अब यह भूल जाना चाहिए कि वह एक राजपूत है, एक सिख या जाट है। उसे यह याद होना चाहिए कि वह एक भारतीय है और उसे इस देश में हर अधिकार है पर कुछ जिम्मेदारियां भी हैं।"
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सबसे उूंची है पटेल की प्रतिमा
इस प्रकार उनके द्वारा कही गई बातें लोगों को पसंद आईं। आज भी आमजन उनसे प्रेरित होते हैं। आज सरदार पटेल की पुण्यतिथि के मौके पर पूरा देश उन्हें याद कर श्रद्धाजंलि अर्पित कर रहा है। देश के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पटेल की स्मृति में गुजरात के केवड़िया में दुनिया की सबसे उूंची प्रतिमा बनवाई, जिसे स्टैच्यू ऑफ यूनिटी कहा जाता है।
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PM मोदी ने पटेल को किया याद
आज मोदी ने पटेल की याद में ट्वीट किया, 'पुण्य तिथि पर सरदार पटेल को नमन। उनकी महान सेवा, उनके प्रशासनिक कौशल और हमारे राष्ट्र को एकजुट करने के अथक प्रयासों के लिए भारत हमेशा उनका आभारी रहेगा।'