मशहूर पत्रकार और लेखक अनिल धारकर का मुंबई में निधन, कल हुई थी बाईपास सर्जरी
मुंबई। जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार और लेखक अनिल धारकर का शुक्रवार की सुबह निधन हो गया। उनकी गुरुवार को मुंबई के एक अस्पताल में बाइपास सर्जरी हुई थी और वहां शुक्रवार सुबह उनका निधन हो गया। पांच दशक से भी अधिक लंबे करियर में वह स्तंभकार और लेखक के रूप में सक्रिय रहे तथा फिल्म सेंसर बोर्ड की सलाहकार समिति के सदस्य समेत कई अन्य पदों पर रहे।
धारकर के पूर्व सहकर्मी ने बताया कि उनकी गुरुवार को मुंबई के एक अस्पताल में बाईपास सर्जरी हुई थी। जिसके बाद लगातार उनके स्वास्थ्य में दिक्कतें आ रही थीं। अनिल धारकर हर साल नवंबर में आयोजित होने वाले मुंबई अंतरराष्ट्रीय साहित्य महोत्सव के संस्थापक और निदेशक थे । टाटा लिटरेचर लाइव के संस्थापक एवं निदेशक भी थे जो शहर में साल भर साहित्यिक कार्यक्रम आयोजित करता है।
अनिल धारकर कई प्रकाशनों के संपादक भी रहे। जिनमें देबोनायर, मिड-डे और संडे मिड-डे, द इंडीपेंडेंट और द इलस्ट्रेटेड वीकली ऑफ इंडिया शामिल हैं। धारकर ने टीवी धारावाहिक के प्रोड्यूसर और एंकर के तौर पर भी काम किया साथ ही एक समाचार टेलीविजन चैनल का नेतृत्व किया। धारकर को श्रद्धांजलि देते हुए लेखक और स्तंभकार शोभा डे ने ट्वीट किया, ''अलविदा प्रिय अनिल। एक कुशाग्र बुद्धि वाले आधुनिक लेखक और एक सच्चे मित्र। वे सभी लोग आपको याद करेंगे जिनकी जिंदगियों पर आपने असर डाला। आपकी आत्मा को शांति मिले।''
गीतकार और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के चेयरमैन प्रसून जोशी ने ट्वीट किया, अनिल धारकर के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ। जिंदगी के बारे में हमारे बीच जो चर्चा होती थी उसे याद करूंगा। वह एक प्रेरक सोच वाले, साहित्य एवं कला को संवारने वाले शख्स थे।