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बच्ची को जिंदा करने के लिए शव के सामने तीन दिन से प्रार्थना कर रहे परिजन, समझाने पर भी नहीं माने

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नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में पुलिस उस समय हैरान रह गई जब उसे पता चला की एक परिवार पिछले तीन दिन से अपने मृत बच्चे को जिंदा करने की कोशिश में लगा हुआ है। दरअसल, जिले के भुडकुडा थाने के सिसवार गांव में रहने वाले अरविंद और उनका परिवार अपनी चार साल की मृत बेटी को वापस जिंदा करने के लिए प्रभु यीशु की प्रार्थना कर रहे हैं। हद तो तब हो गई जब वह पुलिस के समझाने पर भी नहीं माने और बच्ची के शव के पास बाइबिल पढ़ते रहे।

बच्ची को हुई थी पेट दर्द की शिकायत

बच्ची को हुई थी पेट दर्द की शिकायत

अरविंद ने बताया कि गुरुवार की शाम उनकी बेटी को उल्टी और पेट में दर्द शुरू हुआ जिसके बाद वह उसे जिला अस्पताल लेकर आ गए। डॉक्टरों ने जांच में पाया कि बच्ची की मौत अस्पताल पहुंचने से पहले ही हो चुकी है। इसके बाद बच्ची के पिता अरविंद उसके शव को लेकर अपने ससुराल पहुंच गए। वहां पर तीन दिनों तक मृत बच्ची के शव के रखकर परिवार वाले उसे जीवित करने की प्रार्थना करने लगे।

अंधविश्वास के चलते नहीं दफनाया शव

अंधविश्वास के चलते नहीं दफनाया शव

जौनपुर के गुरुदायलपुर गांव के निवासी राजेंद्र चौहान के कहने पर अरविंद ने बच्ची के शव को नहीं दफनाया । हैरानी की बात यह है कि इस अंधविश्वास में पूरा गांव शामिल था, राजेंद्र के कहने पर गांव के कुछ लोगों ने बच्ची के जिंदा होने की अम्मीद से उसे एक झोपड़ी में रखदिया और प्रर्थना करने लगे। रोजान तीन दिन तक चली प्रर्थना की जानकारी पुलिस के मिलने पर एसपी अनुराग आर्य ने एसओ विनोद कुमार तिवारी को जांच के लिए भेजा।

अधिकारी के समझाने पर भी नहीं माने लोग

अधिकारी के समझाने पर भी नहीं माने लोग

एसओ विनोद कुमार जब मौके पर पहुंचे तो देखा बच्ची के शव के पास बैठकर कुछलोग बाइबिल पढ़ रहे हैं। पुलिस अधिकारी ने उन्हें बहुत समझाया लेकिन वह नहीं माने और प्रर्थना जारी रखी। परिवार वालों का कहना था कि प्रार्थना के बाद भी अगर उनकी बच्ची जीवित नहीं होती तो वह उसे दफना देंगे।

एक अन्य बच्ची के जीवित होने का दावा

एक अन्य बच्ची के जीवित होने का दावा

गाजीपुर जिले में हुई इस घटना ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। बच्ची के शव के कब्जे में लेने गए एसओ विनोद कुमार को गांव वालों ने बताया कि एक गांव की ही एक बच्ची है सरिता नाम कि जिसे डॉक्टरों ने मृत बता दिया था लेकिन जब हमने प्रभु यीशु की प्रर्थना की तो वह फिर से जीवित हो गई। उन्होंने बताया कि सरिता अपने परिवार वालों के साथ अब भी रह रही है।

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English summary
Family praying for three days in front of the dead body to bring the baby alive
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