सर्जिकल स्ट्राइक की खुशी में मोदी सरकार भूली सिपाही चंदू को!
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राइफल्स के सिपाही 22 वर्ष के चंदू चव्हाण, जिन्होंने इस वर्ष दिवाली के आसपास शादी करने की योजना बनाई थी, कब घर लौटेंगे कोई नहीं जानता है। केंद्र सरकार जो इस समय सर्जिकल स्ट्राइक की खुमारी में है, वह भी शायद सेना के इस सिपाही को भुला चुकी है।
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सर्जिकल स्ट्राइक के बाद गलती से पहुंचे पाक
पाकिस्तान ने गुरुवार को पुष्टि कर दी है कि भारतीय सिपाही चंदू अब उनके कब्जे में है। चंदू सर्जिकल स्ट्राइक के बाद गलती से एलओसी पार कर पाक की सीमा में जा पहुंचे थे और तब से वह पाक के कब्जे में हैं।
पाक इससे पहले इस बात को मानने के लिए तैयार ही नहीं था कि भारतीय सेना का कोई जवान उनके कब्जे में है। चंदू के पाक के कब्जे में होने की खबर सुनते ही उनकी नानी लीला चिंधा पाटील की मृत्यु सदमे की वजह से हो गई थी।
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राजनाथ सिंह ने दिलाया था भरोसा
जिस समय चंदू एलओसी पार कर पाक की सीमा में पहुंच गए थे उसके बाद सरकार की ओर से कई बयान आए।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार चंदू की सकुशल वापसी के लिए सारे प्रयास कर रही है। गृहमंत्री ने चंदू के दादा सीडी पाटील से खुद फोन पर बात कर इस बात का भरोसा उन्हें दिलाया था।
क्या कहा था रक्षा मंत्री ने
वहीं रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने कहा था चंदू की वापसी में कुछ दिनों का समय लगेगा लेकिन चंदू को देश वापस जरूर लाया जाएगा।
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पार्रिकर ने कहा था कि चंदू की वापसी के लिए डीजीएमओ की ओर हर तरह के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। इस्लामाबाद में पाक डीजीएमओ की ओर से गुरुवार को यह बात मानी गई है कि चंदू उनके कब्जे में हैं।
मेंढर में थी पोस्टिंग
चंदू को पाक सेना ने झंडरुट जो कि मनकोट के पश्चिम में है, वहां से गिरफ्तार किया था। चंदू को निकयाल स्थित मिलिट्री हेडक्वार्टर में रखे जाने की खबरें आई थीं। चंदू जम्मू कश्मीर के मेंढर में एलओसी के पास ही पोस्टेड थे।