जब सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने पूछा, क्या! पूर्व जज कांग्रेस में शामिल हो गए हैं
नई दिल्ली। बॉम्बे हाईकोर्ट के पूर्व जज अभय एम थिपसे को महाराष्ट्र सरकार और राज्य सहकारी बैंक के बीच मध्यस्थता के लिए गठित पैनल से हटा दिया है। न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट की बेंच के सामने जब राज्य सरकार के वकील ने पूर्व जज अभय एम थिप्से के कांग्रेस से जुड़ने संबंधी पत्र दिखाया तो सभी जज हैरान होकर मुस्कुराने लगे। बेंच ने कहा, 'क्या वह राजनीतिक दल में शामिल हो गए हैं? आमतौर पर ऐसा होता नहीं है, हमें पत्र दिखाएं।'
अदालत ने पत्र पढ़ने के बाद अपने आदेश में कहा कि 9 जुलाई 2018 का पत्र हमारे सामने रखा गया है, जिसके मुताबिक जस्टिस अभय एम थिप्से राजनीतिक दल में शामिल हो गए हैं। ऐसे में पंजाब के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एसजे वाजिफदार को पैनल में शामिल किया जाता है।
महाराष्ट्र सरकार और महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड के बीच विवादों की मध्यस्थता के लिए थिप्से को अप्रैल में एक समिति के न्यायिक सदस्य के रूप में जगह दी गई थी। उन्हें भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मनोनीत एक अन्य विशेषज्ञ के साथ मिलकर राज्य सरकार सहकारी बैंक के बीच विवाद का निपटारा करना था।
अभय थिप्से पिछले साल मार्च में इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज के तौर पर रिटायर हुए थे। वह बॉम्बे हाईकोर्ट में भी जस्टिस रह चुके हैं। अभय थिप्से ने जून में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की थी। इस मौके पर महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता अशोक चव्हाण और अशोक गहलोत जैसे नेता भी मौजूद थे।
अभय थिप्से ने उस वक्त कहा था कि वह सांप्रदायिकता और आक्रामक राष्ट्रवाद से विचलित थे और उन्हें इसके लिए मंच चाहिए था। उनकी रुचि कांग्रेस में है। अभय थिप्से बंबई हाई कोर्ट के जस्टिस के तौर पर सलमान खान को जमानत देने पर आलोचना के शिकार हुए थे। सलमान को निचली अदालत से दोषी करार दिये जाने के दिन ही बॉम्बे हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी। अभय थिप्से शतरंज के ग्रैंडमास्टर प्रवीण महादेव थिप्से के भाई हैं। वह 1987 में महाराष्ट्र न्यायिक सेवा में शामिल हुए थे।