केरल में मंकीपॉक्स का संदिग्ध केस मिलने पर केंद्र ने सभी राज्यों को स्क्रीनिंग-टेस्टिंग बढ़ाने को दिए निर्देश
केरल में आज मंकीपॉक्स का एक संदिग्ध केस मिलने के बाद केंद्र सरकार पूरी तरह से सतर्क हो गई है। केंद्र सरकार ने केंद्र शासित समेत सभी राज्यों को पत्र लिखकर तैयार रहने को कहा है।
नई दिल्ली, 14 जुलाई : केरल में आज मंकीपॉक्स का एक संदिग्ध केस मिलने के बाद केंद्र सरकार पूरी तरह से सतर्क हो गई है। केंद्र सरकार ने केंद्र शासित समेत सभी राज्यों को पत्र लिखकर तैयार रहने को कहा है। मंकीपॉक्स को लेकर जरा सा भी लापरवाही नहीं बरतने को कहा है, साथ ही कहा कि जरूरत पड़ने पर उचित एक्शन लें। स्वास्थ्य मंत्रालय ने 31 मई को भेजे गए पत्र का भी हवाला दिया। कहा कि जांच और स्क्रीनिंग पर राज्य ध्यान दें।
उचित व्यवस्था करने के दिए निर्देश
केंद्र सरकार ने निर्देश देते हुए कहा कि संदिग्ध मामलों की जांच करें। रोगी के अलगाव स्वास्थ्य कर्मियों को जोखिम से बचाने के लिए उचित व्यवस्था करें। मंकीपॉक्स बेहद खतरनाक बीमारी है, जिसको जरा भी लापरवाही बरती गई तो बेहद जानलेवा साबित हो सकता है। इसको लेकर केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को निर्देश दिए हैं।
केरल में मिला संदिग्ध केस
बता दें कि केरल में जो संदिग्ध मामला सामने आया है वो शख्स तीन दिन पहले संयुक्त अरब अमीरात से वापस आया है। व्यक्ति को तेज बुखार है और मंकीपॉक्स के लक्षण दिखे हैं। मंकीपॉक्स की पुष्टि के लिए व्यक्ति का सैंपल पुणे के लैब में भेजा गया है। इसकी रिपोर्ट आज शाम तक आएगी। इसके बाद पता लग पाएगा कि वो व्यक्ति मंकीपॉक्स से संक्रमित है या नहीं।
क्या बोले स्वास्थ्य मंत्री
इसको लेकर केरल के स्वास्थ्य मंत्री ने भी बयान दिया है। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण देखे गए हैं। वह तीन दिन पहले यूएई से लौटा है और तेज बुखार है। पुष्टि के लिए शख्स का सैंपल पुणे के लैब में भेजा गया है। उसे डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है। आज देर शाम तक रिपोर्ट आ जाएगी।
अभी भारत में नहीं आया कोई मामला
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मंत्रालय द्वारा 31 मई को भेजे गए पत्र का हवाला दिया, जिसमें उसने संक्रामक रोग के प्रबंधन पर दिशानिर्देशों का एक सेट जारी किया था। हालांकि, अभी तक भारत में मंकीपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है।
कैसे फैलता है मंकीपॉक्स
मंकीपॉक्स लोगों के संपर्क में आने से फैलता है। सबसे पहले बंदरों में पाया गया था, जैसा कि नाम से पता चलता है। यह ज्यादातर पश्चिम और मध्य अफ्रीका में होता है लेकिन अब यह यूरोप, अमेरिका और मध्य पूर्व में फैल गया है।
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