बिहार में इंसेफ्लाइटिस ने पसारे पांव, भेंट चढ़ चुके 9 मासूम
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पिछले साल भी इस बीमारी ने अकेले मुजफ्फरपुर में ही 150 से अधिक बच्चों की जान ले ली थी। साल 2012 में भी इस बीमारी के कारण 100 से ज्यादा बच्चों की मौत हुई थी। एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक अभी तक इस बीमारी ने नौ बच्चों की जानें ले ली हैं जबकि 12 से अधिक बच्चे अलग अलग अस्पतालों में भर्ती हैं। ऐसा माना जा रहा है कि यह बीमारी 'एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम' AES है।
इस बीमारी में बच्चों को ह्यूमिडिटी से बचाकर रखने की जरूरत होती है लेकिन मुजफ्फरपुर के जिन अस्पतालों में बच्चे भर्ती हैं वहां एसी या तो हैं नहीं या फिर काम नहीं कर रहे हैं।
हालत ये है कि जो मां बाप अपने बच्चों को अस्पताल लेकर आते हैं वो ये भी नहीं जानते कि उनके बच्चे बचेंगे या नहीं। बुधवार को 61 प्रतिशत आद्रता थी जो गुरूवार को बढ़ कर 62 प्रतिशत हो गई। फिलहार राज्य की राजनीति सीटों-वोटों के गणित में अब तक उलझी सी है। अब तक जिम्मेदारी की नजर स्वास्थ्य व्यवस्था से कोसों दूर दिख रही है।