नियोक्ता अपनी आवश्यकता के अनुसार किसी भी कर्मचारी का कर सकता है ट्रांसफर- सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली, सितंबर 12। सुप्रीम कोर्ट ने रविवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करते हुए एक अहम फैसला सुनाया। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कोई कर्मचारी किसी विशेष स्थान पर ट्रांसफर के लिए जोर नहीं दे सकता, ये नियोक्ता की आवश्कताओं पर निर्भर करता है कि कर्मचारियों का ट्रांसफर कहां करना है। आपको बता दें कि ये याचिका एक लेक्चरर ने लगाई थी, जिसे अमरोहा से गौतमबुद्ध नगर ट्रांसफर चाहिए था। इसके लिए लेक्चरर ने संबंधित प्राधिकारी को इसके बारे में बताया, लेकिन उनकी अर्जी अस्वीकार हो गई। इसके बाद लेक्चरर ने हाईकोर्ट का रूख किया। वहीं भी उसे झटका लगा। आखिर में याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया।
महिला लेक्चरर को गौतम बुद्ध नगर जिले में चाहिए था ट्रांसफर
इस मामले में 6 सितंबर को भी जस्टिस एमआर शाह और अनिरूद्ध बोस की बेंच ने कहा था कि यह कर्मचारियों पर निर्भर नहीं करता कि उन्हें किसी विशेष जगह पर ट्रांसफर दिया जाए या फिर नहीं, बल्कि यह नियोक्ता पर निर्भर करता है कि वह आवश्यकता के आधार पर कर्मचारी का ट्रांसफर कर सके। आपको बता दें कि अमरोहा जिले की महिला लेक्चरर ने गौतम बुद्ध नगर जिले के एक कॉलेज में ट्रांसफर के लिए अपील की थी, लेकिन सितंबर 2017 में अथॉरिटी के द्वारा इस अपील को खारिज कर दिया गया।
13 साल तक गौतमबुद्ध नगर में ही काम कर चुकी थी महिला
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में ये नोट किया था कि संबंधित प्राधिकारी ने उस महिला की अर्जी को इसलिए खारिज कर दिया था, क्योंकि वो लेक्चरर महिला दिसंबर 2000 से अगस्त 2013 तक गौतम बुद्ध नगर के एक कॉलेज में तैनात रही थी और इसीलिए दोबारा से उनके अनुरोध पर उसी संस्थान में नियुक्ति देना उचित नहीं है। हाईकोर्ट ने भी फिर कहा था कि याचिकाकर्ता उस स्थान पर तैनात होने की हकदार नहीं है जहां उसने पहले से ही लगभग 13 वर्षों तक काम किया है।