भारतीय वायुसेना को एम्ब्रायर जेट विमान बेचने के लिए बिचौलिए को दी गई 30 करोड़ की घूस
ब्राजील की एयरप्लेन बनाने वाली कंपनी एम्ब्रायर ने भारतीय एयर फोर्स वर्ष 2008 में तीन उच्च स्तर के विशेष मिलिट्री एयरक्रॉफ्ट बेचने के लिए 30 करोड़ रुपए से ज्यादा का कमीशन दिया था।
वाशिंगटन। अमेरिका के न्याय विभाग ने कोर्ट में कहा है कि ब्राजील की एयरप्लेन बनाने वाली कंपनी एम्ब्रायर ने भारतीय एयर फोर्स को वर्ष 2008 में बेचे गए तीन उच्च स्तर के विशेष मिलिट्री एयरक्रॉफ्ट बेचने के लिए बिचौलिए को 30 करोड़ रुपए से ज्यादा का कमीशन दिया था।
ब्राजील की कंपनी पेनाल्टी देने के लिए तैयार
ब्राजील की कंपनी ने यह कमीशन एजेंट डी को दिया है। पर अभी यह नहीं पता चल पाया है कि एजेंट डी कौन है। इस बात की पुष्टि होने के बाद की ब्राजील की कंपनी ने घूस दी है। एम्ब्रायर जेट बनाने वाली इस कंपनी पर भी कानूनी कार्रवाई हो सकती है। क्योंकि कंपनी का कमीशन देकर जेट बेचना फॉरेन करेप्ट प्रेक्टिस एक्ट के अंतर्गत आता है। एम्ब्रायर ने नियम तोड़ने की बात स्वीकारी है और 107 मिलियन डॉलर की पेनॉल्टी देने के लिए भी वो तैयार है।
एम्ब्रायर सौदे में आरोपी के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी
यूपीए शासन काल में हुई थी इस विमानों की डील
आपको बताते चलें कि एम्ब्रायर जेट डील में कमीशन खोरी भारत की राजनीति में एक नया भूचाल ला सकती है। अमेरिकी न्याय विभाग में अपने रिपोर्ट में कहा है कि 208 मिलियन डॉलर के तीन ईएमबी-145 जेट विमानों की डील हुई थी।
इस डील को पूर करने के लिए ब्राजील की एम्ब्रायर विमान बनाने वाली कंपनी की ओर से ब्रिटेन में मौजूद बिचौलिये को कमिशन दिए जाने का आरोप है। भारत में रक्षा सौदों के लिए दलाली या कमिशन दिया जाना प्रतिबंधित है। इन तीन विशेष जेट विमानों की डील यूपीए सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2008 में हुई थी।
तीन ईएमबी-145 एयरक्राफ्ट्स को स्वदेशी राडारों से लैस हैंं। इन विमानों को डीआरडीओ की 2,520 करोड़ रुपए की (एयरबॉर्न अर्ली वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम्स) योजना के तहत तैयार किया गया था। ब्राजीली कंपनी एम्ब्रायर ने पहला ईएमबी-145 एयरक्राफ्ट 2011 में डीआरडीओ को सौंपा था। डीआरडीओ ने पिछले साल दिसंबर में अपने प्रोजेक्ट में तैनात किया है।