डॉक्टरों का दावा, चिकनगुनिया नहीं है जानलेवा
नई दिल्ली। इस समय दिल्ली और एनसीआर के लोग 'चिकनगुनिया' के आतंक से ग्रसित हैं। 'एडिस' मच्छर के डंक से होने वाले इस बीमारी ने दिल्ली सरकार समेत देश के स्वास्थ्य मंत्रालय में हड़कंप पैदा कर दिया है। दिल्ली में अब तक 10 लोग मौत के शिकार हो चुके हैं जिसके पीछे कारण 'चिकनगुनिया' को बताया जा रहा है।
इस बारे में 'वनइंडिया' की टीम ने कुछ डॉक्टरों से बात की, जिन्होंने कहा कि आम तौर पर 'चिकनगुनिया' जानलेवा नहीं होता है।
'चिकनगुनिया' नहीं जानलेवा
फरीदाबाद के एमडी, डॉ, मनीष जैन के मुताबिक 'चिकनगुनिया' से आम तौर पर किसी भी मरीज की मौत नहीं हो सकती है। जितने लोगों की मौत की खबर गंगाराम अस्पताल से आयी है, हो सकता है कि उन्हें और भी बीमारियां पहले से हों जो कि उन सब की मौत की वजह हो सकती है।
बीमार शरीर में घुसते हैं वायरस
कभी-कभी बुखार से शिथिल पड़े मरीज के अंदर अस्पताल में फैले वायरस भी घुस जाते हैं जो कि एक कमजोर व्यक्ति को निशाना बना लेते हैं। फिलहाल ये एक शोध का विषय है, जिस पर मैं कुछ कह नहीं सकता हूं लेकिन आम तौर पर 'चिकनगुनिया' जान के लिए घातक नहीं होता है और अगर ऐसा है तो इस विषय पर गंभीरता से जांच जरूरी है।
'चिकनगुनिया' से इंसान बीमार हो सकता है
डॉ मनीष जैन की बात से पूरा तरह इत्तफाक वाराणसी शहर के एमडी डॉ, राकेश श्रीवास्तव भी रखते हैं, उन्होंने भी यही कहा कि 'चिकनगुनिया' से इंसान बीमार हो सकता है, कमजोर हो सकता है लेकिन ये उसके लिए जानलेवा नहीं हो सकता है। इंसान की मौत तो हाईफीवर के कारण भी कभी-कभी हो जाती है।
'चिकनगुनिया'जान के लिए खतरनाक नहीं हो सकता
'चिकनगुनिया' से आने वाला बुखार काफी लंबा हो सकता है, उसके कारण शरीर में होने वाले दर्द को ठीक होने में कभी-कभी 6 महीने भी लग जाते हैं, लेकिन ये जान के लिए खतरनाक नहीं हो सकता है, इसलिए मेरी लोगों से गुजारिश है कि वो 'चिकनगुनिया' की वजह से होने वाले बुखार से भयभीत ना हों, अच्छे से अपना इलाज करायें और पूरी तरह से सावधानी बरतें।
जानिए चिकनगुनिया के बारे में: लक्षण और बचाव के तरीके