कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों की बुनियादी जरूरतें पूरी करें जिला प्रशासन- सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली, मई 28। कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने देश के सभी जिला अधिकारियों को एक निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि अगले आदेश की प्रतीक्षा किए बिना ही जिला प्रशासन उन अनाथ बच्चों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करे, जिन्होंने कोरोना के कारण अपने माता-पिता को खो दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जिला प्रशासन ऐसे बच्चों की तरफ तुरंत ध्यान दे, जिन्होंने या तो अपनी माता या पिता को कोरोना काल में खो दिया है।
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अनाथ बच्चों की जानकारी पोर्टल पर अपलोड करें- सुप्रीम कोर्ट
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बाल संरक्षण गृहों और बाल केयर संस्थाओं में बच्चों के बीच फैलते संक्रमण का स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोरोना महामारी ने एक अभूतपूर्व स्थिति पैदा कर दी है और संवेदनशील बच्चों पर व्यापक प्रभाव पड़ता है। साथ ही कहा कि बड़ी संख्या में ऐसे बच्चे हैं, जो माता-पिता की मौत से अनाथ हो गए हैं। ऐसे बच्चों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए जिला प्रशासन तुरंत उनकी ओर ध्यान दे। सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान सभी जिलाधिकारियों को ऐसे बच्चों की जानकारी पोर्टल पर अपलोड करने का आदेश दिया, जो मार्च 2020 के बाद से अनाथ हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए शनिवार तक का समय दिया है।
रविवार तक जवाब सबमिट करें राज्य सरकारें- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से मामले में रविवार तक जवाब दाखिल करने को कहा है। सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने बताया बालस्वराज नाम का पोर्टल सभी संबंधित जिलाधिकारियों की तरफ से संचालित किया जा रहा है और उन्हें ऐसे बच्चों की पहचान के लिए पासवर्ड दिया गया है जो अनाथ हो गए हैं।
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