विदेश व्यापार महानिदेशालय ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात से हटाई पाबंदी
हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात से हटाई पाबंदी
नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को बनने में इस्तेमाल होने वाले रॉ मटीरियल को एक्टिव फार्मास्युटिकल्स एंग्रिडिएंटस एपीआई और इसके फॉर्मुलेशन के निर्यात से रोक हटा दी है। विदेश व्यापार महानिदेशालय डीजीएफटी ने ये जानकारी दी।
बता दें इससे पहले केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री डी वी सदानंद गौड़ा ने बुधवार को कहा कि औषधि विभाग ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात पर पाबंदी हटाने को अपनी मंजूरी दे दी है। भारत ने कुछ अपवाद के साथ 25 मार्च को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात पर पाबंदी लगायी थी। कुछ तबकों में यह राय थी कि इस दवा का उपयोग कोरोना वायरस के इलाज में किया जा सकता है। चार अप्रैल को इसके निर्यात पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगा दी गयी थी। गौड़ा ने ट्विटर पर लिखा, ''औषधि विभाग ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात पर पाबंदी को हटाने की सूचना दी थी।
मालूम हो कि भारत ने कुछ अपवाद के साथ 25 मार्च को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात पर पाबंदी लगायी थी। कुछ वर्ग की में यह राय थी कि इस दवा का उपयोग कोरोना वायरस के इलाज में किया जा सकता है। चार अप्रैल को इसके निर्यात पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगा दी गयी। गौड़ा ने ट्विटर पर लिखा, ''औषधि विभाग ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात पर पाबंदी को हटाने को मंजूरी दे दी है। सेज /निर्यात उन्मुख इकाइयों (ईओयू) को छोड़कर विनिर्माताओं को उत्पादन का 20 प्रतिशत घरेलू बाजार में आपूर्ति करनी होगी।'' उन्होंने कहा कि विदेश व्यापार महानिदेशालय को इस बारे में औपचारिक अधिसूचना जारी करने को कहा गया है। वहीं अमेरिका जो कि मार्च में इस दवा के भारत द्वारा निर्यात बंद करने पर वहां के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तहलका मचा दिया था अब उसी अमेरिका में इस दवा के कोरोना मरीजों के इलाज में प्रयोग करने पर रोक लगा दी हैं।
केवल अमेरिकी एजेंसियां हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के लाभ को कोरोना के इलाज में समझने में विफल रही -ट्रंप