क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

क्या वाक़ई में धर्म सभा के दौरान अयोध्या की सड़कें भगवा रंग में रंग गई थीं

हिंदू विवादित स्थल को भगवान राम की जन्मभूमि मानते हैं, वहीं मुसलमानों का कहना है कि वो यहां कई पीढ़ियों से इबादत करते आए हैं.

साल 1992 में जब हिंदुओं की एक भीड़ ने बाबरी मस्जिद को ढहा दिया तो हिंदू-मुसलमानों के बीच तनाव बहुत ज़्यादा हो गया था.

By BBC News हिन्दी
Google Oneindia News
अयोध्या फेक न्यूज
Social Media
अयोध्या फेक न्यूज

राम मंदिर बनाने की मांग को लेकर रविवार को अयोध्या में धर्म सभा बुलाई गई थी, जिसमें हज़ारों की संख्या में हिंदू, दक्षिणपंथी कार्यकर्ता और साधू-संत पहुंचे थे.

दक्षिणपंथी रुझान रखने वाले कई सोशल मीडिया पेजों पर इसे ख़ूब प्रचारित किया गया. कुछ पेजों में दावा किया गया था कि लाखों की तादाद में लोग अयोध्या पहुँचेंगे.

इस कार्यक्रम के एक दिन बाद सोशल मीडिया पर अयोध्या से जुड़ी तस्वीरों की बाढ़ सी आ गई है. कई सोशल मीडिया पेजों ने दावा किया गया धर्म सभा के दौरान पूरा अयोध्या भगवा रंग में रंगा नज़र आया.

हमारी पड़ताल में यह पता चला है कि इन पेजों की शेयर की गई तस्वीरों में से कई फ़ेक यानी फ़र्ज़ी हैं.

अयोध्या फेक न्यूज
Social Media Grab
अयोध्या फेक न्यूज

ऊपर की तस्वीर को शेयर करते हुए धर्म सभा को भारी जनसमर्थन मिलने की बात कही गई है. हालांकि सच यह है कि ये तस्वीर अयोध्या की नहीं, बल्कि मराठा क्रांति मोर्चा की है. ऊपर की तस्वीर अगस्त 2017 में मराठा आंदोलन की दौरान ली गई थी.

इसमें हज़ारों मराठाओं ने बायकुला जू से आज़ाद मैदान तक रैली निकाली थी, जिसमें उन्होंने आरक्षण और सामाजिक न्याय की मांग की थी.

सरकार के साथ बातचीत के बाद मराठा आंदोलन को ख़त्म कर दिया गया था.

अयोध्या फेक न्यूज
Social Media grab
अयोध्या फेक न्यूज

कन्नड़ भाषा के बैनर-पोस्टर

एक दूसरी तस्वीर कर्नाटक की है, जिसे अयोध्या का बताया गया है. यह दावा किया गया है कि धर्म सभा से पहले अयोध्या की तरफ़ भारी भीड़ जा रही है.

तस्वीर में कन्नड़ भाषा में लिखे बैनर-पोस्टर साफ़ देखे जा सकते हैं.

इसे बजरंग दल के एक आयोजन के दौरान लिया गया था.

हिंदू विवादित स्थल को भगवान राम की जन्मभूमि मानते हैं, वहीं मुसलमानों का कहना है कि वो यहां कई पीढ़ियों से इबादत करते आए हैं.

साल 1992 में जब हिंदुओं की एक भीड़ ने बाबरी मस्जिद को ढहा दिया तो हिंदू-मुसलमानों के बीच तनाव बहुत ज़्यादा हो गया था.

इसके बाद साम्प्रदायिक दंगों में देश भर में क़रीब दो हज़ार लोग मारे गए थे.

समय-समय पर कई संगठन और हिंदूवादी राजनैतिक पार्टियां यहां राम मंदिर बनाने की मांग करती आई हैं.

मामला सुप्रीम कोर्ट में है और आगामी चुनावों को देखते हुए कई नेता राम मंदिर बनाने के लिए विशेष क़ानून लाने की मांग कर रहे हैं.


(ये कहानी फ़ेक न्यूज़ से लड़ने के लिए बनाए गए प्रोजेक्ट 'एकता न्यूज़रूम' का हिस्सा है.)

अगर आपके पास ऐसी ख़बरें, वीडियो, तस्वीरें या दावे आते हैं जिन पर आपको शक हो तो उनकी सत्यता जाँचने के लिए आप उन्हें 'एकता न्यूज़रूम' को इस नंबर पर +91 89290 23625 व्हाट्सएप करें या यहाँ क्लिक करें.


BBC Hindi
Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
Did the roads of Ayodhya really fall in saffron color during the Dharma Sabha
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X