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Devanshi Sanghvi:सूरत के हीरा व्‍यवसायी की 9 साल की बेटी बनी संन्‍यासी, छोड़ी आलीशान जिंदगी

गुजरात के एक धनी हीरा व्यापारी की नौ वर्षीय बेटी ने भौतिक सुख-सुविधाओं को त्याग कर बुधवार को संन्यास ग्रहण कर लिया।

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गुजरात के शहर सूरत की एक नन्‍हीं सी मासूम बच्‍ची देवांशी सांघवी की चर्चा हर ओर हो रही है। इसकी वजह है इस बच्‍ची ने अपनी आलीशान जिंदगी छोड़ कर भौतिक सुख-सुविधाओं को त्याग कर संन्यास ग्रहण कर लिया है। नौ साल की देवांशी सांघवी सूरत के नामी हीरा व्यापारी धनेश सांघवी और मां अमी सांघवी की बेटी हैं। सूरत में लगभग तीन दशक पुरानी डायमंड पॉलिशिंग और एक्सपोर्ट फर्म संघवी एंड संस के मालिक की बड़ी बेटी आने वाले कुछ सालों में करोड़ों की हीरा कंपनी की मालिक होती लेकिन उसने पल भर में स‍बकुछ त्‍याग कर दीक्षा ले ली है।

30 हजार से अधिक लोगों की उपस्थिति में देवांशी ने ली दीक्षा

30 हजार से अधिक लोगों की उपस्थिति में देवांशी ने ली दीक्षा

सूरत के वेसु इलाके में देवांशी सांघवी का दीक्षा का भव्‍य कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें 30 हजार से अधिक लोग जुटे। नन्‍हीं सी देवांशी सांघवी को दुल्‍हन की तरह सजा कर रथ पर सवार कर यात्रा निकाली गई। ग्रहस्‍थ जीवन त्‍याग कर सन्‍यास जीवन ग्रहण करने जा रही देवांशी सांघवी को देखने के लिए सड़कों पर सैकड़ों की भीड़ जमा हुई। इसके बाद जैन मुनि आचार्य विजय कीर्तियशसूरी और सैकड़ों लोगों की उपस्थिति में 'दीक्षा' ली।

छोड़ी आलीशान जिंदगी, सन्‍यासी का बिताएंगी जीवन

छोड़ी आलीशान जिंदगी, सन्‍यासी का बिताएंगी जीवन

नौ साल की देवांशी सांघवी 'दीक्षा' ली जो त्याग का व्रत है तपस्वी जीवन में उसके प्रवेश का प्रतीक है। समारोह पिछले शनिवार से शुरू हुआ और आज बुधवार को संपन्‍न हुआ। इस दीक्षा कार्यक्रम में हजारों की संख्‍या में लोग जुटे। गुरु से दीक्षा लेने के बाद देवांसी सभी भौतिक सुख-सुविधाओं और विलासिता जीवन से दूर हो गई, जो उसके हीरा व्यासायी परिवार से मिली थी। वो अब गुरु के सानिध्‍य में एक संन्‍यासी का ही जीवन बिताएंगी।

पांच भाषाएं जानती हैं देवांशी

पांच भाषाएं जानती हैं देवांशी

संघवी के पारिवारिक मित्र नीरव शाह ने बताया कि देवांशी का झुकाव बहुत कम उम्र से ही आध्यात्मिक जीवन की ओर रहा। उन्होंने अन्य भिक्षुओं के साथ लगभग 700 किमी की पैदल यात्रा की थी और औपचारिक रूप से संन्यासी बनने से पहले उनके जीवन को अपना लिया था। देवांशी इतनी छोटी सी उम्र में पांच भाषाएं जानती हैं और उनके पास अन्य और कई स्किल है।

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परिवार ने साध्‍वी बनी बेटी को किया विदा

परिवार ने साध्‍वी बनी बेटी को किया विदा

देवांशी के गुरु से दीक्षा से ग्रहण करने से पहले जब दुल्‍हन की सज धज कर परिवार के संघ नृत्‍य किया। नन्‍हीं सी देंवाशी का इस समारोह में डांस करते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर बहुत वायरल हो रहा है। वहीं साध्‍वी बनने के बाद विदा करते समय उनका परिवार भावुक हो गए। नम आंखों से मां बाप ने अपनी नाजो में पाली बेटी को हंसते हुए धर्म के रास्‍ते पर चलने के लिए विदा किया।

देवांशी सांघवी को लोग कर रहे हैं प्रणाम

देवांशी सांघवी को लोग कर रहे हैं प्रणाम

देवांशी के साध्‍वी बनने पर जहां लोग हैरान हैं, वहीं धर्म के लिए किए गए सांसरिक सुख के त्‍याग को देखकर लोग देवांशी को प्रणाम कर रहे हैं। वहीं कुछ लोग हीरा व्‍यवसायी परिवार को अपनी नन्‍हीं सी बेटी के साध्‍वी बनने के फैसले को सपोर्ट करने की सराहना कर रहे हैं।

<strong>देवांशी सांघवी जैसे बच्‍चे क्‍यों बन रहे संन्‍यासी ? जानें साधु-साध्वी बनकर जीना पड़ता है कैसा कठिन जीवन</strong>देवांशी सांघवी जैसे बच्‍चे क्‍यों बन रहे संन्‍यासी ? जानें साधु-साध्वी बनकर जीना पड़ता है कैसा कठिन जीवन

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English summary
Devanshi Sanghvi: Surat's diamond merchant's 9-year-old daughter became a monk, left a luxurious life
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