दिल्ली हिंसा: नाले से मिली थी जिसकी लाश, काली अंगूठी देखकर हुई उसकी पहचान
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नई दिल्ली। दिल्ली हिंसा के समय गायब हुए 25 साल के हमजा अंसारी के शव की पहचान परिवार ने अंगूठी से की है। हमजा के परिवार ने राम मनोहर लोहिया अस्पताल में हमजा के हाथ में पहनी काली अंगूठी से उसकी पहचान की। गुरुवार को हमजा की लाश क्षत विक्षत हालत में दयालपुर नाले में मिली, जिसे राम मनोहल लोहिया अस्पताल में रखा गया था। परिवार ने पहुंचकर लाश की शिनाख्त की। पोस्टमार्टम के बाद शुक्रवार को परिवार को लाश सौंप दी गई।
मेरठ का रहने वाला था हमजा
हमजा मूलरूप से मेरठ का रहने वाला हमजा 26 फरवरी को लापता हो गया था। 26 फरवरी की शाम को परिवार ने उसकी तलाश की कोशिशें शुरू कर दी थीं। आठ दिन से परिवार लगातार पुलिस स्टेशनों और अस्पतालों में भटक रहा था। गुरुवार को दयालपुर के नाले में एक शव मिलने की सूचना पर परिजन पहुंचे तो अंगूठी से उन्होंने शव की शिनाख्त हमजा के तौर पर की। गोली मारकर हमजा की हत्या की गई है।
चाउमीन की दुकान करता था हमजा
मेरठ का रहने वाला हमजा अंसारी मुस्तफाबाद में अपनी बहन और के घर पिछले तीन माह से रह रहा था। मुस्तफाबाद में ही वो एक चाउमीन की दुकान चला रहा था। 26 फरवरी की दोपहर हमजा अपने जीजा से ये कहकर निकला था कि वो अपनी दुकान देखने जा रहा है कि दंगों में उसकी दुकान को तो नुकसान नहीं हुआ है। इसके बाद वह वापस नहीं लौटा। गुरुवार दोपहर नाले में एक युवक का शव निकालने की सूचना पर हमजा के जीजा भी पहुंचे और शव की पहचान कर मेरठ उसके घर इसकी सूचना दी।
हमजा के भाई ने बताया है कि हिंसा के दौरान उसकी हमजा से बात हुई थी। उसने हिंसा के दौरान हजमा को बाहर जाने के लिए मना किया था। 26 फरवरी से उसका फोन नहीं लग रहा था, जिसके बाद थाने में गुमशुदगी भी दर्ज कराई थी। भाई ने बताया कि जल्दी ही हजमा की शादी होने वाली थी।
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दिल्ली हिंसा में अब तक 53 की मौत
उत्तर पूर्वी दिल्ली में 24 और 25 फरवरी को हुई हिंसा में अब तक 53 लोगों की मौत हो चुकी है। हिंसा में 300 से ज्यादा लोग घायल हुए। इनें से दर्जनों घायल अभी भी अस्पतालों में भर्ती हैं। दिल्ली पुलिस ने हिंसा की जांच के लिए दो टीमें बनाई हैं। पुलिस ने कहा है कि हिंसा को लेकर अब तक 683 केस दर्ज किए गए हैं। 1983 लोगों को गिरफ्तार या फिर हिरासत में लिया गया है।
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