बढ़ गया दिल्ली मेट्रो का किराया, जानिए किराए की नई सूची, अब ज्यादा ढीली करनी होगी जेब
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नई दिल्ली। Delhi Metro Rail Corporation ने एक बार फिर से किराया बढ़ा दिया है। हालांकि किराए में इस बढ़ोत्तरी का दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने खासा विरोध किया। लेकिन DMRC ने उनके प्रस्तावों को खारिज कर दिया। बता दें कि नई रेट लिस्ट के हिसाब से यात्रियों 2 किलोमीटर तक के लिए 10 रुपये, 2 से 5 किलोमीटर तक के लिए 20 रुपये, 5 से 12 किलोमीटर के लिए 30 रुपये, 12 से 21 किलोमीटर के लिए 40 रुपये, 21 से 32 किलोमीटर के लिए 50 रुपये और 32 किलोमीटर से ज्यादा की यात्रा के लिए 60 रुपये अदा करने होंगे। अगर यात्री स्मार्ट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो उनके किराए पर 10 प्रतिशत की छूट पहले की तरह जारी रहेगी। DMRC के अनुसार मेट्रो में 70 फीसदी स्मार्ट कार्ड उपभोक्ता हैं। सभी स्मार्टकार्ड धारक यात्रियों को सुबह 8 बजे तक, दोपहर 12 बजे से 5 बजेऔर रात को नौ बजे से मेट्रो सेवाएं समाप्त होने तक सामान्य समय के दौरान 10 फीसदी की अतिरिक्त छूट मिलती रहेगी।
दिल्ली विधानसभा में पारित हुआ था प्रस्ताव
इससे पहले दिल्ली विधानसभा ने आज से लागू होने वाली मेट्रो की कीमतों में वृद्धि के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया थाहै। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया कि मेट्रो के किराए में वृद्धि से ओला और उबर जैसी कैब एग्रीगेटर्स को लाभ मिलेगा। (तस्वीर में DMRC की ओर से जारी रेट लिस्ट)
आप कर रही विरोध, DMRC ने किया बचाव
अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी प्रस्तावित मेट्रो किराया वृद्धि का विरोध कर रही है। दूसरी तरफ, डीएमआरसी ने अपने फैसले का बचाव किया और कहा कि इसके निवेश की लागत साल भर में बढ़ गई है और किराया वृद्धि अन्य शहरों में मेट्रो रेल के बराबर है। (तस्वीर में छुट्टी और राष्ट्रीय अवकाश वाले दिन लगने वाले किराए की सूची)
केंद्र ने रखी थी शर्त
पिछले हफ्ते केंद्र ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बताया कि वह प्रस्तावित वृद्धि को रोक नहीं सकती है, जब तक कि उनकी सरकार डीएमआरसी को सालाना 3,000 करोड़ रुपये अगले पांच वर्षों के लिए अनुदान के रूप में नहीं देती
तब केजरीवाल ने कहा था...
जवाब में, अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली सरकार प्रति वर्ष 1500 करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए तैयार है, अगर केंद्र सरकार बाकी 1500 करोड़ देने को तैयार है क्योंकि केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार डीएमआरसी के आधे-आधे मालिक हैं।
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