तबरेज खान, उम्र 37, कोरोना से ठीक होने के बाद 6 बार कर चुके प्लाज्मा दान, सातवीं की तैयारी
नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी फैलने के बाद लगातार ये कहा जा रहा है कि इससे उबर चुके मरीजों का प्लाज्मा इस लड़ाई में बड़ा हथियार है। एक तरफ जहां कई लोग सरकार की ओर से अपील के बाद भी प्लाज्मा देने के लिए सामने नहीं आ रहे हैं तो वहीं दिल्ली के तबरेज खान ने एक उदाहरण पेश किया है। तबरेज खान कोरोना से उबरने के बाद छह बार प्लाज्मा डोनेट कर चुके हैं और अब सातवीं बार प्लाज्मा देने जा रहे हैं।
मार्च में आए थे कोरोना की चपेट में
दिल्ली के जहांगीरपुरी में रहने वाले 37 साल के तबरेज खान का परिवार मार्च में कोरोना की चपेट में आ गया था। मार्च के महीने में जब कोरोना के मामले आना शुरू ही हुए थे तो तबरेज की बहन सऊदी अरब से लौटी थीं। वे कोरोना पीड़ित निकली और उनके संपर्क में आने की वजह से परिवार के पांच और लोग भी कोरोना पॉजिटिव हो गए, जिनमें तबरेज भी थे। 12 मार्च को उनको परेशानी हुई और वो एडमिट हुए। राहत की बात ये रही कि परिवार के सभी सदस्य दो तीन हफ्ते के भीतर कोरोना से ठीक हो गए
क्वरंटीन पूरा होते ही प्लाज्मा देने पहुंच गए अस्पताल
तबरेज कोरोना को हराने के बाद ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हुए। जिसके बाद घर पर उन्होंने अपना क्वारन्टीन पीरियड पूरा किया। क्वारंटीन पीरिड पूरा होते ही वो प्लाज्मा दान करने अस्पताल पहुंच गए। 21 अप्रैल को उन्होंने आईएलबएस जाकर प्लाज्मा डोनेट किया। इससे डॉक्टट भी काफी खुश हुए और उनकी तारीफ की। तब से छह बार वो प्लाज्मा दान कर चुके और सातवीं बार करने जा रहे हैं।
मैं किसी के काम आ रहा, इससे बड़ी खुशी क्या होगी
तबरेज ने मीडिया से कहा कि प्लाज्मा दान करने से उनके शरीर में कुछ भी असर नहीं हुआ है। वे एकदम स्वस्थ हैं बल्कि प्लाज्मा देकर ज्यादा खुश भी महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि चार बार उन्होंने अलग समुदाय के लोगों को प्लाज्मा दान किया है। कहते हैं कि धर्म देखकर मदद नहीं की जा है। वो सभी के काम आना चाहते हैं। तबरेज ये भी कहते हैं कि मैंने प्लाज्मा देने का फैसला लिया क्योंकि मैं अपने देश के के किसी काम आना खुशकिस्मती समझता हूं। एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते अगर मेडिकल काउंसिल मेरी बॉडी का कोई भी हिस्सा लेकर किसी भी तरह का कोई रिसर्च करना चाहे तो मैं उसके लिए भी तैयार हूं।