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जानिए कैसे 9वीं फेल छात्रों को पास कराएगी केजरीवाल सरकार

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नयी दिल्‍ली। दिल्‍ली के उप मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को शिक्षा क्षेत्र के लिए बड़े सुधारों (चुनौती 2018) की घोषणा की। इन सुधारों के चलते दिल्ली सरकार के स्कूलों की नवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्रों को नो डिटेंशन पॉलिसी के प्रतिकूल प्रभावों के कारण होने वाली समस्याओं से निजात पाने में मदद मिलेगी। कई अन्य राज्यों की सरकारों की तरह दिल्ली सरकार ने भी नो डिटेंशन पॉलिसी (एनडीपी) को खत्म करने की वकालत की है। क्योंकि इससे छात्रों के बीच आत्मसंतोश की प्रवृत्ति बढ़ती है और वहीं छात्रों व शिक्षकों में जिम्मेदारी और जवाबदेही का अभाव भी बढ़ता है। दिल्ली के दिल में गरीबों की नो एंट्री, रेस्तरां ने खाना देने से किया मना

 manish sisodia
दिल्ली विधानसभा ने 16 दिसंबर 2015 को ही राइट टु चिल्डंन टु फ्री एंड कंपल्सरी एजुकेशन (दिल्ली संशोधन) बिल, 2015 (2015 का बिल नंबर 15) को पारित किया था, जिसमें शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 में संशोधन की सिफारिश की गई थी, जिसके बाद एनडीपी को हटाया जा सके। चूंकि अभी तक केंद्र सरकार ने इस मामले में कोई रुख अख्तियार नहीं किया है इसलिए दिल्ली सरकार ने चुनौती 2018 जैसे बड़े सुधार शुरू करने का फैसला किया है। जनता ने लिया मनीष सिसोदिया का इंटरव्‍यू, पढ़ें सवाल-जवाब

एनडीपी के परिणामस्वरूप दिल्ली में छात्रों को दुर्भाग्यपूर्ण समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। चूंकि उन्हें ऐसी परीक्षाओं में बैठना पड़ता है, जिसके लिए उन्होंने तैयारी भी नहीं की होती है। छात्रों के अध्ययन स्तर में कमी के कारण बड़ी संख्या में छात्र नवीं कक्षा में फेल होते हैं। हालांकि छात्रों में जानकारी के अभाव की समस्या सिर्फ नवीं कक्षा तक ही सीमित नहीं है लेकिन ये ही छात्र खराब व्यवस्था के सबसे अधिक शिकार होते हैं। दिल्ली सरकार ऐसे छात्रों के करियर और जिंदगी को असफलता के अंधकार में नहीं धकेल सकती और वह भी तब जबकि उनकी कोई बड़ी गलती नहीं हो।

चुनौती 2018 के पीछे की सोच यह है कि 2016-2017 में नवीं कक्षा में दाखिला लेने वाले छात्रों को 2018 में होने वाली दसवीं कक्षा की परीक्षाओं के लिए प्रशिक्षण और मार्गदर्शन किया जा सके, जिससे वे परीक्षाओं में सफल हो सकें। सैद्धांतिक तौर पर सरकार का उद्देश्‍य इस प्रोग्राम के ज़रिए निम्नलिखित हासिल करना हैः

  • सभी छात्रों में पढ़ने, लिखने और गणित इत्यादि की मज़बूत समझ विकसित हैं।
  • छात्रों के मौजूदा सीखने के स्तर और उनकी कक्षा के शौक्षिक स्तर की मांग के अंतर की भरपाई करना।
  • वर्कशीट्स के ज़रिए केंद्रित प्रैक्टिस और सीखना

इस उद्देश्‍य को हासिल करने के लिए दिल्ली सरकार कई स्तर पर काम कर रही हैः

  • नवीं कक्षा में दो या उससे अधिक बार फेल होने वाले छात्रों को मॉडीफाइड एमपीएसई पत्राचार स्कीम ऑफ एक्जामिनेशंस (एमपीएसई) के ज़रिए दसवीं कक्षा की परीक्षा में बैठने का विकल्प मिलेगा।
  • एमपीएसई को विशेष तौर पर बच्चों को स्कूलों में बनाए रखने और ड्रॉपआउट की संभावनाएं घटाने के घटाना है।
  • छात्रों को स्कूलों में उनके सामान्य शिक्षक ही पढ़ाएंगे और उन्हें किताबों, यूनिफॉर्म इत्यादि की सभी सामान्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
  • ऐसे छात्र स्कूलों की सभी सांस्कृतिक और खेल गतिविधियों में प्रतिभागिता करेंगे।
  • इन छात्रों को गणित जैसे विषय छोड़ने का भी विकल्प मिलेगा।
  • छठी कक्षा से लेकर नवीं कक्षा तक सभी छात्रों के लिए सरकार ने बेस लाइन असेसमेंट के आधार पर सभी कक्षाओं को रिग्रुप करने का फैसला किया यह असेसमेंट जुलाई के है दूसरे सप्ताह में किया जाएगा।
  • पत्राचार विद्यालय के जरिए दसवीं की परीक्षा पास करनें वाले छात्रों को भी उसी सरकारी स्कूल में 11वीं कक्षा में दाखिले का विकल्प दिलाया जाएगा।
  • चूंकि बच्चों के सीखने का स्तर सभी कक्षाओं में अलग-अलग होता है इसलिए षिक्षकों को सभी कक्षाओं में सिखाने के विभिन्न तरीके अपनाने के लिए कहा गया है। सरकार का उद्देश्‍य है कि सबसे बेहतरीन शिक्षक कक्षा में मौजूद सबसे कमज़ोर छात्र पर विषेश ध्यान दें, जिससे उन्हें भी कक्षा के अन्य बच्चों के स्तर पर लाया जा सके।
  • सीखने के स्तर पर छात्रों का समूह बनाने का इकलौता उद्देश्‍य शिक्षकों को विभिन्न छात्र समूहों की ज़रूरतों को ज़्यादा व्यवस्थित व प्रभावी ढंग से समझना और उनके हिसाब से उन्हें पढ़ाना है।
  • विश्‍व भर में कराए गए रिसर्च में सामने आया है कि ''टीचिंग एट द राइट लेवल''ही छात्रों के बीच सीखने के अंतर की भरपाई का सबसे प्रभावशाली तरीका है। इसलिए सरकार ने इस तरीके को अपनाने का फैसला किया है।
  • सभी सरकारी स्कूलों के प्रमुख उन छात्रों पर नज़र रखेंगे, जो 2016 में नवीं कक्षा की परीक्षाएं पास नहीं कर पाए हैं और फिर वे शिक्षकों और अभिभावकों के साथ वन-टु-वन सेशन करेंगे।
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English summary
Delhi government on Wednesday announced a new education reform plan seeking to check drop-out of students and improve education quality with special focus on the weakest students.
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