दिल्ली शूटआउट: मौत के मातम में मुकुल के परिजनों ने पूछा, 16 साल के लड़के को क्यों मारी गईं 18 गोलियां
नई दिल्ली। बीते सोमवार को दिल्ली के संतनगर में हुए शूटआउट में जिस शख्स की मौत हुई थी उसकी उम्र महज 16 साल थी। नाम मुकुल था और वो मूलरूप से नांगल ठाकरान गांव का रहने वाला था। स्थानीय लोगों की मानें तो मुकुल एक उभरता हुआ पहलवान था। मुकुल को बदमाशों ने ताबड़तोड़ 18 गोलियां दागी थीं। अब मुकुल के परिजनों का बयान आया है। उनका कहना है कि मुकुल की जान को लगातार खतरा बना हुआ था। इसकी वजह से वे उसे दिल्ली के बाहर भेजना चाह रहे थे और जितेंद्र गोगी गैंग से लगातार खतरे बने रहने की वजह से वे पुलिस से सुरक्षा की मांग कर रहे थे।
दिल्ली पुलिस में कॉन्स्टेबल के तौर पर तैनात मुकुल के चाचा पवन ने कहा, 'सोनीपत में स्पोर्टस अथॉरिटी ऑफ इंडिया के लिए निकलने से कुछ घंटे पहले ही उसकी हत्या कर दी गई।' मुकुल के चाचा ने कहा कि, 'आखिर 16 साल के मुकुल ने किसका क्या बिगाड़ा था, जिसके कारण उसे 18 गोलियों ने छलनी कर दिया गया। वह पहलवानी करता था आने वाले समय में भारत की तरफ से खेलने का ख्वाब देखता है।' अपनी बात को जारी रखते हुए मुकुल के चाचा पवन ने कहा कि,'गोगी ने उनके एक भाई की भी साल 2015 में हत्या कर दी थी। वे कॉलेज समय से एक दूसरे के प्रतिद्ंदी थे, लेकिन गोगी साल 2015 में हत्या के बाद भी नहीं रूका और लगातार अपराध की दुनिया में धंसता चला गया।'
पवन ने कहा मुकुल की मां की 2005 में बीमारी के चलते मौत हो गई थी, जबकि उसके पिता की 2016 में सांप काटने के चलते मौत हो गई थी। उसके बाद से मैं ही मुकुल और उसकी 20 साल की बहन की देखभाल करता था। पवन ने कहा, 'मैं सुरक्षाकर्मी के साथ घूमा हूं। मैं एक पुलिसकर्मी हूं, लेकिन उनके मन में किसी चीज का डर नहीं रहता। वह घूमते रहते हैं और जिसे चाहते हैं मार देते हैं।