Delhi Exit poll: दिल्ली में पूर्वांचली-हरियाणवी वोटर किधर गए ?
नई दिल्ली- दिल्ली में एग्जिट पोल के नतीजों का जैसे-जैसे विश्लेषण हो रहा है, कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। दिल्ली में बीजेपी की अगुवाई पूर्वांचली चेहरे मनोज तिवारी के हाथों में है। इसी तरह पार्टी हरियाणा में कुछ ही महीने पहले चुनाव जीती है। हाल ही में अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल भी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुई हैं। ऐसे में माना जा रहा था कि जो भी हो दिल्ली चुनाव में भाजपा का पूर्वांचली और हरियाणवी वोटरों पर तो भारी प्रभाव पड़ने ही वाला है। लेकिन, एग्जिट पोल के अनुमान सारी धारणाओं और बीजेपी की उम्मीदों पर पानी फेरते नजर आ रहे हैं। अनुमान ये है कि ज्यादातर पूर्वांचली और हरियाणवी वोटरों ने भी भाजपा के कमल को थामने के बजाय हाथ में झाड़ू थामने का ही फैसला किया है। सबसे बड़ी बात ये है कि ऐसे वोटों में आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच का फासला बहुत ही ज्यादा चौंकाने वाला है।
पूर्वांचली-हरियाणवी वोटरों पर भी 'आप' का जादू
दिल्ली चुनाव पर आए इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया एग्जिट पोल के अनुमानों के अनुसार जिस पूर्वांचली वोटों पर बीजेपी एकाधिकार मानकर चल रही थी, उनके 55 फीसदी वोट आम आदमी पार्टी के खाते में गए हैं। यही वजह है कि मनोज तिवारी जैसे पूर्वांचली चेहरे के होते हुए भी इसके एग्जिट पोल में बीजेपी को सिर्फ 2 से 11 सीटें जीतने का ही अनुमान लगाया गया है। इस एग्जिट पोल के मुताबिक दिल्ली के चुनावों में असर डालने वाले मतदाताओं मे स्थानीय निवासियों का 55 फीसदी, हरियाणवी वोटरों का 54 फीसद और राजस्थानी समाज के 55 फीसदी लोगों का साथ आम आदमी पार्टी को मिला है। इसके अलावा अन्य प्रभावी समुदायों के 55 फीसदी वोट भी अरविंद केजरीवाल की पार्टी के समर्थन में पड़े हैं।
भाजपा-आप को मिले वोटों में फासला बहुत ज्यादा
इन सभी समुदायों से भाजपा को झटका लगता नजर आ रहा है। मसलन, दिल्ली के स्थानीय निवासियों में से सिर्फ 35 फीसद, पूर्वांचलियों में से 36 फीसदी, हरियाणवी वोटरों के 35 फीसदी, राजस्थाना समुदाय के 30 फीसदी और बाकी समुदायों के भी मजह 35 फीसदी वोट ही भारतीय जनता पार्टी के खाते में जाने का अनुमान है। यानि, हर समुदायों में आम आदमी पार्टी बीजेपी पर काफी ज्यादा भारी पड़ती नजर आई है। वहीं इस एग्जिट पोल के हिसाब से कांग्रेस का प्रदर्शन तो और भी खराब रहा है। इसके मुताबिक दिल्ली के स्थानीय निवासियों के 6 फीसदी, पूर्वांचलियों के सिर्फ 4 फीसदी, हरियाणवी वोटरों के 5 फीसदी, राजस्थानियों के 4 फीसदी और अन्य समुदायों के केवल 6 फीसदी वोटरों ने पार्टी पर भरोसा कर उसे वोट दिया है।
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'आप' तोड़ सकती है अपना ही पिछला रिकॉर्ड
गौरतलब है कि इस एग्जिट पोल ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी को 70 में से 59 से 68 सीटें जीतने तक का अनुमान लगाया है। जबकि, इसने बीजेपी के लिए महज से से 11 सीटें और कांग्रेस के हाथ शून्य सीटें जाने की भविष्यवाणी की है। मसलन, दक्षिणी दिल्ली में 10 सीटें हैं और अनुमानों के मुताबिक इनमें से 9 से लेकर 10 तक सीटें केजरीवाल की पार्टी जीत सकती है। इसी तरह पूर्व दिल्ली में भी विधानसभा की 10 सीटें हैं, जिनमें से एग्जिट पोल के मुताबिक 'आप' को 9 से लेकर सभी 10 सीटें तक मिल सकती हैं। दिल्ली विधानसभा के लिए शनिवार को वोटिंग हुई है और नतीजे मंगलवार यानि 11 फरवरी को आने वाले हैं।
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